कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए लॉकडाउन के चलते दुनिया भर में भारत के 40,000 नाविक और यात्री फंसे हुए हैं। इनमें मालवाहक और यात्री जहाज के चालक दल के सदस्य और यात्री शामिल हैं। 500 मालवाहक पोत पर 15,000, जबकि विभिन्न यात्री जहाजों पर 25,000 लोग फंसे हैं। समुद्री सेवा से जुड़े संगठनों ने कहा है कि लॉकडाउन हटने के बाद सरकार ने उन्हें हर मुमकिन सहायता देने का भरोसा दिया है।
एनयूएसआई सहित कई संगठनों ने जहाजरानी मंत्री मनसुख लाल मंडाविया के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठाया। एमएएसएसए के सीईओ कैप्टन शिव हल्बे ने बताया कि करीब 40,000 भारतीय समुद्री नाविक विभिन्न जहाजों पर फंसे हुए हैं। वे घर वापस लौटना चाहते हैं, क्योंकि उनका रोजगार अनुबंध समाप्त हो चुका है।
मंत्री ने लॉकडाउन समाप्त होने पर सहायता का आश्वासन दिया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में मंत्री ने कहा कि लौटने पर समुद्री नाविकों का परीक्षण किया जाएगा और कुछ दिन उन्हें एकांतवास में रखा जाएगा।