अलीगढ़। अतरौली के गांव विधीपुर में लॉकडाउन के चलते फंसी बरात रविवार को 35 दिन बाद विदा हुई। दुल्हन की विदाई की रस्में पूरी कराकर पूरा गांव दुल्हन की विदाई का साक्षी बना। भीड़ दुल्हन को विदा करने उमड़ पड़ी। 35 दिन लंबे इंतजार के बाद बेटी की विदाई पर हर किसी की आंखे नम हो गईं और आसमान भी रो पड़ा। ग्रामीणों ने दुल्हन व बरातियों को विदाई में तोहफा व नगदी आदि देकर रवाना किया। बराती भी ग्रामीणों द्वारा 35 दिन तक किए सेवाभाव से जाते समय भावुक हो गए। पूरे मान सम्मान के साथ बरात व दुल्हन को विदा किया गया।
अतरौली के गांव विधीपुर निवासी नरपत सिंह आर्य की बेटी सावित्री आर्य की शादी 22 मार्च को हुई थी। 21 मार्च की रात बरात झारखंड के जिला धनबाद तहसील तोपचांची गांव वैलमी से आई थी। बरात में तीन बहनों सहित दूल्हा विजय कुमार पुत्र रामनाथ महतो के परिवार 12 सदस्य थे। 22 मार्च को शादी के बाद बरात लॉकडाउन के चलते फंस गई थी। 11 अप्रैल के अंक में अमर उजाला ने इस खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि तीन मई तक बढ़ने के बाद के बाद विदाई एक बार फिर टल गई थी। अधिवक्ता कल्याण समिति के अध्यक्ष नवाब सिंह एडवोकेट द्वारा परिजनों के साथ की गई पैरवी व एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया द्वारा डीएम से वार्ता करने के बाद रविवार को बरात के यहां से जाने की अनुमति मिली। पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुषमा रानी व नवाब सिंह एडवोकेट आदि दूल्हा-दुल्हन आशीर्वाद देने पहुंचे।