लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के खातों में सेंध लगाकर 1,09,82,935 रुपये उड़ाने वाले जालसाजों को पुलिस ने दिल्ली और पटना से दबोच लिया है। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। इसके साथ ही पकड़े गए जालसाजों का लविवि कनेक्शन खंगाल रही है। इंस्पेक्टर हसनगंज धीरेंद्र प्रताप कुशवाहा ने इसकी पुष्टि की।
11 चेकों से चार बैंक के खातों में ट्रांसफर किए थे रुपये
जालसाजों ने लविवि के यूको बैंक के खाते की वर्ष 2000 में जारी हुई चेकबुक की 11 चेकों से 1,09,82,935 रुपये निकाले थे। उसके बाद छह फर्मों के खाते में सारा रुपया ट्रांसफर किया। जालसाजों ने जिन खातों में रुपया ट्रांसफर किया था। वह खाते दिल्ली और पटना स्थित पंजाब बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक में थे।
वर्ष 2000 में इश्यू हुई थी चेक
कुलपति ने जानकारी दी कि भुगतान करने में वर्ष 2000 की चेक जो पहले इश्यू हो चुकी थी उनका इस्तेमाल किया गया। पुलिस के मुताबिक जालसाजों ने चेक की क्लोनिंग कर वारदात को अंजाम दिया।
इन बैंकों से निकाले गए रुपये
चेक का भुगतान पंजाब बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया और केनरा बैंक से किया गया। ये सभी क्लोन चेक यूको बैंक की थीं। वीसी प्रो. एसपी सिंह जांच के लिए इंटरनल कमेटी गठित कर जल्द से जल्द पूरे प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए।
साठगांठ से हुई जालसाजी
इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की इसमें बड़ी लापरवाही उजागर हुई थी। एक साल तक यूनिवर्सिटी के खाते से पैसे निकाले जाते रहे, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। वहीं मामला उजागर होने पर प्रेस वार्ता करके एलयू प्रशासन ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी।