लखनऊ।पूरे विश्व में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अब इसकी चपेट में लखनऊ भी आ गया है। शुक्रवार को खुर्रमनगर के तीन और महानगर की एक महिला में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई है। संक्रमित मरीजों के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। मरीजों को केजीएमयू ले जाया जा रहा है।
इसके पहले गुरुवार को दो और लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। अब शहरवासियों को कोरोना के संक्रमण से बचाव पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आने वाले 15-20 दिन संवेदनशील हैं। राजधानी ही नहीं प्रदेशभर में मिल रहे कोरोना मरीजों को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों में भी मंथन का दौर चल रहा है। सबका जोर भीड़ रोकने पर है। उनका तर्क है कि जब लोगों का आना-जाना कम होगा तो इस वायरस का फैलाव भी कम हो जाएगा।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. डॉक्टर आरके धीमान का कहना है कि जिन देशों में कोरोना का असर तेजी से बढ़ा था, वहां भीड़ रोकने के बाद उतनी ही तेजी से नियंत्रण भी दिख रहा है। यह वायरस एक व्यक्ति से सैकड़ों में फैलता है। ऐसे में कोरोना की चपेट में कौन है, यह तय करना मुश्किल है।
ऐेसे में जब लोग यात्रा कम करेंगे और एक ही स्थान पर रहेंगे तो वायरस कम फैलेगा। यदि दो-चार दिन बाद उनमें लक्षण मिलता भी है तो वह चंद लोगों में ही फैला होगा। ऐसे में पूरे परिवार को आइसोलेट करना आसान रहेगा। इसे ध्यान में रखकर लोगों से कम से कम बाहर निकलने की अपील की जा रही है।
केजीएमयू के डॉ. डी हिमांशु का कहना है कि दो नए मरीज मिलने के आधार पर कोरोना का फैलाव बढ़ रहा है, यह कहना जल्दबाजी होगा। हालांकि, सावधानी बरतकर इसे रोक सकते हैं। लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि जिन भी मरीजों में इसके लक्षण मिले हैं उनकी हालत सुधरी है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि वायरस का फैलाव न होने पाए।
नई टीम भी अस्पताल में रहेगी
केजीएमयू में कोराना मरीजों के इलाज में लगी नई टीम भी यहीं रुक रही है। इसके मुखिया डॉ. सुधीर कुमार वर्मा ने बताया कि टीम को मास्क लगाने, ड्रेस पहनने और चश्मे को पहनते वक्त और उतारते वक्त बरती जाने वाली सावधानी से वाकिफ कराया जा रहा है।