लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड में बुधवार रात बाइक सवार तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग मुख्तार अंसारी के गुर्गे और मऊ के अपराधी अजीत सिंह की हत्या कर दी। इस फायरिंग में उसके साथ मौजूद साथी मोहर सिंह व वहां से गुजर रहा एक फूड डिलीवरी कम्पनी का कर्मचारी घायल हो गया। बीच सड़क पर दोनों पक्षों से करीब 30 राउण्ड हुई इस फायरिंग से अफरातफरी मच गई। इसी का फायदा उठाकर शूटर मौके से फरार हो गये और पुलिस रास्ते में चेकिंग ही करती रह गई। अजीत सिंह की पत्नी मोहम्मदाबाद गोहना से ब्लाक प्रमुख रह चुकी है। इस समय उसी के घर काम करने वाली भानुमति ब्लाक प्रमुख हैं। अजीत उनका प्रतिनिधि था।
छह महीने के लिए हुआ था जिला बदर
मऊ देवसीपुर निवासी अजीत सिंह उर्फ अजीत लंगडा शातिर अपराधी है। 31 दिसंबर को मऊ के जिला मजिस्ट्रेट ने अजीत सिंह को छह महीने के लिए जिला बदर किया था। जिसके बाद अजीत ने लखनऊ में अपना ठिकाना बनाया था। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के अनुसार बुधवार रात 8.45 बजे करीब उदयपुर टॉवर के पास अजीत सहयोगी मोहर सिंह के साथ खड़ा हुआ था।उसी दौरान बाइक सवार तीन बदमाश वहां पहुंचे। जिन्होंने अजीत सिंह को देखते ही अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। हमले के जवाब में अजीत सिंह और मोहर सिंह ने भी गोलियां बरसाई।
30 राउण्ड फायरिंग से सनसनी
पुलिस कमिश्नर के अनुसार करीब 30 राउंड गोलियां चलाई गई है। जिसमें अजीत सिंह को सबसे अधिक गोली लगी है। वहीं, मोहर सिंह भी घायल है।लेकिन उनकी हालत खतरे से बाहर है। वारदात के वक्त फूड आर्डर सप्लाई करने जा रहे डिलेवरी ब्वाय प्रकाश भी पैर में गोली लगने से घायल हुए हैं।
माफिया से रंजिश बनी हत्या की वजह?
आजमगढ़ के पूर्व विधायक सीपू सिंह की हत्या में बाहुबली ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह जेल में बंद है। सीपू सिंह की हत्या के बाद से ही अजीत सिंह और ध्रुव सिंह के बीच भी दुश्मनी चल रही है। दोनों गिरोह कई बार टकरा चुके हैं। ऐसे में पुलिस अधिकारी गैंगवार में हत्या किए जाने की बात कह रहे है। मोहर सिंह ने भी पुलिस को बताया है कि हमलावर अजीत सिंह को अच्छी तरह से पहचानते थे। इस आधार पर पुलिस छानबीन कर रही है।घटनास्थल से कई फुटेज मिले हैं। जिनकी मदद से पुलिस बदमाशों तक पहुंचने की कोशिश में है। बताया जाता है कि सीपू की हत्या में अजीत सिंह मुख्य गवाह था।