सुख-समृद्धि की इच्छा किसे नहीं होती। प्रत्येक व्यक्ति इस जतन में रहता है कि उस पर लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। ज्योतिष में सुख-समृद्धि के लिए बहुत से उपाय बताए गए हैं। इन्हें अपनी सुविधानुसार किया जा सकता है। आप भी जानिए लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कौन से उपाय हो सकते
हैं।
-जीवन में हमेशा ध्यान रखें कि किसी से कोई भी चीज मुफ्त ना लें। उसका मूल्य अवश्य ही चुकाएं। किसी भी व्यक्ति को धोखा देकर धन का संचय ना करें। ऐसा धन बहुत अधिक समय तक टिकता नहीं है। ऐसा धन उस व्यक्ति और उसके परिवार पर कर्ज की तरह से चढ़ जाता है। ऐसा करने वाला व्यक्ति कितने भी प्रयास करे, समृद्धि और सफलता नहीं मिल पाती।
-आय चाहे जैसी भी हो, लेकिन हर महीने उससे कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में अथवा दान-पुण्य में अवश्य खर्च करें। ऐसा करने से व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है। उसके परिवार में हर्ष, उल्लास एवं सहयोग का वातावरण बना रहता है। ऐसा व्यक्ति अपने दायित्वों की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन कमा ही लेता है।
-स्त्री को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। ऐसे में प्रत्येक स्त्री को सम्मान दें। घर की व्यवस्था पत्नी को सौंपे। माता-पिता का आय का एक निश्चित हिस्सा अवश्य दें। घर में कोई बड़ा काम हो तो बड़े-बुजुर्गों एवं स्त्रियों को आगे रखें।
-यदि मां लक्ष्मी की कृपा चाहते हैं तो रात के समय चावल, सत्तू, दूध, मूली आदि खाने में सफेद चीजों का यथासंभव सेवन ना करें।
-शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम मिस्री को एक सफेद रुमाल में बांधकर मां लक्ष्मी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए उनसे अपने घर में स्थायी रूप से निवास करने की प्रार्थना करें और इसे नदी में बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। धीरे-धीरे आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होता चला जाएगा।
प्रथम नवरात्रि से नवमी तिथि तक प्रतिददिन एक बार श्रीसूक्त का पाठ अवश्य ही करें। इससे निश्चित ही आप पर माता लक्ष्मी की कृपादृष्टि बनी रहेगी।
-घर के पूजा स्थल और तिजोरी में सदैव लाल कपड़ा बिछा कर रखें। संध्या में पत्नी या घर की कोई भी स्त्री नियमपूर्वक वहां पर अगरबत्ती जला कर पूरा करे। इसका असर आपकी आर्थिक स्थिति पर अवश्य होगा।
-प्रत्येक पूर्णिमा में नियमपूर्वक साबूदाने की खीर मिश्री और केसल डालकर बनाएं और फिर इसे मां लक्ष्मी को अर्पित करते हुए अपने जीवन में चिर स्थाई सुख, सौभाग्य एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद सभी सदस्य इस खीर के प्रसाद का सेवन करें