माघ मेले की तैयारियों में पिछड़ने के बाद प्रशासन ने नए सिरे से डेडलाइन तैयार की है। माघ मेला क्षेत्र में तैयारियों को शुरू कर दिया गया है, साथ ही सभी विभागों को काम की नई तारीख दे दी गई है। अब क्रमवार सभी विभाग अपना काम करेंगे।
माघ मेले की तैयारियां आमतौर पर 15 सितंबर तक शुरू हो जाती थीं। इस बार बाढ़ के कारण तैयारियां पिछड़ गई हैं। मेला शुरू होने में अब लगभग 60 दिन का वक्त है और शिविर, सड़क, पांटून पुल, बिजली, शौचालय आदि तमाम काम बाकी है। प्रशासन ने सभी विभागों के काम के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी है। सबसे पहले बिजली और सड़क निर्माण का काम पूरा कराया जाएगा। प्रकाश की व्यवस्था के लिए काम 30 नवंबर तक होना है। पोलों को लगाने के साथ ही इस पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम कर लिया जाएगा। 20 नवंबर तक लेवलिंग का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही सड़क और टेंट लगाने का काम शुरू होगा। 20 दिसंबर तक प्रमुख सड़कों का निर्माण चकर्ड प्लेटों से कर लिया जाएगा। दो पांटून पुलों का निर्माण तो नवंबर में ही कराने का लक्ष्य है जबकि शेष तीन पांटून पुल 25 दिसंबर तक चालू किए जाएंगे। गाटा मार्ग पांच जनवरी तक तैयारी किया जाएगा। मेला क्षेत्र में शौचालय बनाने का काम नवंबर में पूरा किया जाना है। क्योंकि माना जा रहा है कि श्रमिकों के लगने और लोगों के आने के कारण स्वच्छता सबसे पहली जरूरत होगी। पाइन लाइनों को बिछाने का काम दिसंबर में शुरू होगा। इसे 31 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। मेला अधिकारी रजनीश मिश्र का कहना है कि समय से माघ मेले को बसाने के सारे काम पूरे कर लिए जाएंगे।