कोरोना वायरस महामारी, प्राकृतिक आपदाओं और कड़े आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक सुस्ती में फंसे उत्तर कोरिया के तानाशाह पिछले कुछ महीनों से पहले की तरह लड़ाकू अंदाज में नहीं दिखे। लेकिन इस सप्ताह के अंत में सत्ताधारी पार्टी के 75वीं वर्षगांठ पर किम जोंग एक बार फिर दुनिया के सामने शक्ति प्रदर्शन कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस मौके पर बड़े सैन्य परेड का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नए विकसित और शक्तिशाली मिसाइलों को पेश किया जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके जरिए किम जोंग उन एक तरफ आंतरिक एकता को मजबूत करना चाहते हैं तो दूसरी तरफ परमाणु कूटनीति में गतिरोध के बीच अमेरिका का ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे। साउथ कोरिया में कोरिया यूनिवर्सिटी के प्रफेशर नाम संग-वूक ने कहा, ”उनकी जनता काफी मुरझाई हुई है और अर्थव्यवस्था संकट में है। इसलिए किम जोंग उन लोगों को एकजुट करना चाहेंगे और उनकी शिकायतों को कम करने और उनकी निष्ठा प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर नीति पर जोर देंगे।”
संग-वूक ने आगे कहा, ”इसके लिए उन्हें नए और शक्तिशाली हथियारों की जरूरत होगी, जो पूरी दुनिया को संदेश भेजेंगे।” हाल ही में सैटेलाइट की तस्वीरों में दिखा कि प्योंगयांग के बाहरी हिस्से में एक एयरफील्ड पर बड़ी संख्या में सैनिक और वाहन एकत्रित हैं, यह वही स्थान है, जहां पहले भी नॉर्थ कोरिया के सैनिक परेड के लिए अभ्यास करते रहे हैं।”
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक ने बुधवार को सांसदों को बताया कि नॉर्थ कोरिया 10 अक्टूबर को सैन्य परेड में नए ”रणनीतिक हथियारों” से पर्दा उठा सकता है। उत्तर कोरिया आमतौर पर प्रमुख वर्षगांठों पर बड़े सैन्य परेड आयोजित करता है। लेकिन इसने हाल में जब बाहरी दुनिया के साथ बेहतर संबंध तलाशने की कोशिश की तो परेडों को कम भड़काऊ बनाने का प्रयास किया।
2018 में अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ सिंगापुर में पहली मुलाकात के तीन महीने बाद पार्टी की 70वीं वर्षगांठ में किम जोंग उन ने भाषण नहीं दिया और लॉन्ग रेंज के मिसाइलों का प्रदर्शन नहीं किया। इससे पहले 2012 और 2017 में दादा के जन्मदिन पर किम जोंग उन ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से अमेरिका से उसका तनाव बढ़ गया।