नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए।महाराष्ट्र में तुरंत फ्लोर टेस्ट नहीं होने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट अब कल एकबार फिर इस मामले में सुनवाई करेगा। अब कल सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट इस मामले को एकबार फिर सुनेगा।
1. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एन वी रमना, अशोक भूषण और संजीव खन्ना की पीठ ने फडणवीस और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ ही केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है
2. इस पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कल सुबह 10.30 बजे राज्यपाल के पत्र को पेश करने को कहा है, जिसमें महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाली फडणवीस सरकार का समर्थन पत्र हो।
3. सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को समर्थन पत्र देने के लिए कहा है, जिसका इस्तेमाल देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने के दावे में किया था और इसे सोमवार सुबह 10.30 बजे पेश करने के लिए कहा है।
4. कोर्ट ने कहा कि अदालत, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए फडणवीस को आमंत्रित करने के राज्यपाल के आदेश की जांच के बाद तत्काल फ्लोर टेस्ट कराए जाने की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की याचिका पर फैसला करेगी।
5. 25 नवंबर यानि कल सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट मामले की आगे की सुनवाई करेगा।
6. केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार राज्यपाल से दस्तावेजों का अनुरोध करने के लिए अधिकृत है।
7. कुछ भाजपा विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का प्रतिनिधित्व करते हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष प्रस्तुत हुए। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता 19 दिनों से सो रहे थे और अब वे शीर्ष अदालत में आए हैं, जो आज ही फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं।
8. महाराष्ट्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार के गठन के खिलाफ एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने आज कहा कि अब इस मामले में कल ही उचित आदेश पारित किए जाएंगे।
9. सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से अपील की कि वह महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए तारीख तय करने का आदेश पारित न करे और इस बात पर जोर दिया कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कोई गलत फैसला नहीं किया।
10.जबकि कांग्रेस-एनसीपी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लगातार फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है, चाहे वह उत्तर प्रदेश में 1998 में हो या 2018 में कर्नाटक में।