नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच केंद्र सरकार ने बंगाल समेत कुछ राज्यों में जमीनी हालात और लाकडाउन के उल्लंघन की पड़ताल के लिए इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंट्रल टीमें (आइएमसीटी) भेजी हैं। टीमों को कोलकाता में ही रोक लिया गया है।
बीएसएफ और राज्य पुलिस की एक्सकोर्ट के साथ उन्हें कोलकाता में कुछ जगहों पर जाने की इजाजत दी गई है।
केंद्र सरकार की इस टीम में एनडीएमए, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, स्वास्थ्य विभाग, उपभोक्ता विभाग के कई अधिकारी शामिल हैं। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे पत्र में कहा है कि संज्ञान में आया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी में टीमों को राज्य और स्थानीय अधिकारियों द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा। इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी प्रेस कॉर्फेंस कर इसी बात को दोहराया था।
टीम का काम राज्य में कोविड-19 की वजह से पैदा हुए हालात को देखना और राज्य सरकार को सहायता उपलब्ध कराना था। लेकिन राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन से उन्हें सहयोग नहीं मिल रहा। गृह मंत्रालय से जारी बयान के मुताबिक टीमों को क्षेत्रों का दौरा करने से रोका जा रहा है और स्थिति का आकलन करने की अनुमति नहीं दी जा रही।
इससे पहले सेंट्रल टीम के लीडर और रक्षा मंत्रालय में अपर सचिव अपूर्व चंद्रा ने राज्य सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने आईएमसीटी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों में भेजी है यहां उन्हें राज्य सरकारों का पूरा सहयोग मिला। इन राज्य सरकारों को भी बंगाल जैसा नोटिस भेजा गया था, मगर उन्हें काम शुरू करने के बाद से कोई परेशानी नहीं हुई।’ यहां राज्य सरकार के चीफ सेक्रटरी के साथ सोमवार शाम को मीटिंग हुई थी और उन्होंने कहा था कि आज सुबह फिर से एक मीटिंग होगी और उसके बाद हम तय इलाकों में जाएंगे। हमें बताया गया है कि कुछ कारणों से हम नहीं जा सकते।