मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पा भावे का लंबी बीमारी के बाद मुंबई में निधन हो गया। वह 81 वर्ष की थीं।
उनके नजदीकी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि भावे का शुक्रवार रात निधन हो गया।
सूत्रों ने बताया कि भावे के परिवार में उनके पति आनंद भावे हैं।
भावे ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन और गोवा मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लिया था।
उन्होंने आपातकाल के दौरान भूमिगत राजनीतिक कार्यकर्ता मृणाल गोरे को आश्रय के लिए अपने घर की पेशकश की थी।
भावे ने 1990 के दशक में दादर निवासी रमेश किनी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत के बाद बिल्डरों एवं नेताओं के बीच साठगांठ के खिलाफ आवाज उठाई थी और जांच की मांग की थी।