लखनऊ। दिल्ली, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को राज्य सरकार वापस लाएगी। शुक्रवार को कोविड-19 की टीम इलेवन के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विस्तृत कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है। तय हुआ है कि, 14 दिन का क्वारैंटाइन पूरा करने चुके अपने प्रदेश के मजूदरों को चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा। स्क्रीनिंग व टेस्टिंग के बाद उन्हें बस से जिलों में भेजा जाएगा। जिस जिले में ये श्रमिक जाएंगे, वहां भी 14 दिन क्वारैंटाइन में रहना होगा। दरअसल, इसके पूर्व में योगी सरकार राजस्थान के कोटा से 10 हजार से अधिक छात्रों को वापस ला चुकी है। जिसके बाद विपक्ष ने श्रमिकों को वापस लाने की मांग उठाई थी।
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण देश में लॉकडाउन है। लॉकडाउन के फेज 1 के दौरान तमाम मजदूर दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर जुट गए थे। जिन्हें योगी सरकार ने बसों के जरिए उन्हें उनके जिला मुख्यालयों तक पहुंचाया था। इन मजदूरों को 14 दिनों तक क्वारैंटाइन रखा गया। इसके बाद योगी सरकार ने कोटा में कोचिंग कर रहे मेडिकल व इंजीनियरिंग के 10 हजार छात्रों को बसों के जरिए उनके घरों तक पहुंचाया। सभी की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग की गई। इसके बाद उन्हें होम क्वारैंटाइन कर दिया गया। लेकिन इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने गैर राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाए जाने की मांग उठाई थी।