नोएडा। कोविड-19 के उपचार में लगे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल कर्मियों के मकान खाली करवाने और उनका उत्पीड़न करने वाले मकान मालिकों एवं सोसायटी के प्रबंधकों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। अपर पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था) गौतम बुद्ध नगर आशीष द्विवेदी ने शनिवार को जारी एक आदेश में कहा कि कोविड-19 महामारी के उपचार में लगे चिकित्सक/पैरामेडिकल कर्मियों की भूमिका अति महत्वपूर्ण है जो स्वयं के संक्रमण से बचाव के प्रबंध के उपरांत सतत् प्रयास से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु अपनी चिकित्सीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। यह समुदाय के लिए आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न माध्यमों से यह तथ्य संज्ञान में आ रहा है कि अनेक भवन स्वामियों/ सोसायटी के प्रबंधकों द्वारा मात्र संक्रमण की आशंकाओं के कारण ऐसे चिकित्सक/ पैरामेडिकल कर्मियों पर उनके आवासों को खाली कराए जाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में आपातकालीन परिस्थितियों में इस प्रकार का दबाव चिकित्सक पैरामेडिकल कर्मियों द्वारा समुदाय को दी जाने वाली आवश्यक सेवाओं के अनुरक्षण एवं आपदा प्रबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है। इससे मानव जीवन और सामुदायिक स्वास्थ्य क्षेम को खतरा है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी मकान मालिक या सोसाइटी का प्रबंधक चिकित्सकों/ पैरामेडिकल कर्मियों के आवास खाली करवाने का अनुचित दबाव बनाएगा, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।