आइजोल। कोरोना काल में एक बार फिर से मिजोरम में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 4.6 रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता रही। भूकंप का केंद्र चंफई रहा। राहत ही बात यह रही है इन झटकों से अभी किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं आई है। इसकी जानकारी नेशनल सेंटर ऑफ़ सेजेरोलॉजी ने दी।
इससे पहले भी मिजोरम में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। तीन हफ्ते पहले भी चंफई में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। उस दौरान भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई थी। कोरोना संकट के समय देश के कई हिस्सों से लगातार भूकंप की खबरें सामने आ रही हैं। कोरोना के दौरान मिजोरम में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं।
18 जून को भी आया था भूकंप
इससे पहले मिजोरम में 18 जून को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटकों के डर से लोग घरों से बाहर निकल आए थे। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.0 नापी गई थी।
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है।
भूकंप के कारण
भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।
भूकंप का रिकार्ड एक सीस्मोमीटर के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है या संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।