लखनऊ। मण्डलायुक्त श्री मुकेश मेश्राम, की अध्यक्ष्ता में उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सभागार में ’’मियावाकी’’ प्लाण्टेशन तकनीक के आधार पर छोटे-छोटे जंगल विकसित किए जाने के सम्बन्ध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में लखनऊ के विभिन्न विभागों जैसे लखनऊ विकास प्राधिकरण, वन विभाग, कृृषि विभाग, सिंचाईं विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसके अतिरिक्त लखनऊ में कार्यरत अनेक स्वयंसेवी संस्थान, इंजीनियरिंग एवं मेडिकल काॅलेज के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। कार्यशाला में ’’मियावाकी’’ प्लाण्टेशन तकनीक के सम्बन्ध में संक्षिप्त विवरण देते हुए उ0 प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव, श्री आशीष तिवारी ने अवगत कराया कि इस तकनीक से बहुत कम क्षेत्रफल 160 वर्गमीटर में तीव्रता से विभिन्न प्रजातियों के पौधे, झाड़ियाॅ तथा छोटे पौधे लगाकर 03-04 वर्षों में ही छोटे-छोटे वन विकसित किए जा सकते हैं जिनमें ईको-फे्रण्डली वनस्पतियाॅ तथा जीव-जंतु आदि भी धीरे-धीरे पनपने लगते हैं। ’’मियावाकी’’ तकनीक के सम्बन्ध में संक्षिप्त प्रस्तुतीकरण देते हुए प्रभागीय वन अधिकारी, लखनऊ रेंज श्री रवि कुमार सिंह द्वारा उक्त प्लाण्टेशन तकनीक से पूर्व सम्बन्धित भूमि की तैयारी, पौधों का चुनाव, सिंचाईं आदि की व्यवस्था तथा अनुमानित लागत की जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि श्री मेश्राम द्वारा बताया गया कि पेड़-पौधों के माध्यम से न केवल वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है बल्कि पेड़-पौधों के सानिध्य में मेडिटेशन किए जाने से जन-मानस मानसिक रूप से भी स्वस्थ और सबल होते हैं। उनके द्वारा बताया गया कि लखनऊ में एल0डी0ए0 द्वारा गोमती रिवर फ्रंट तथा नाबार्ड के निकट भूमि का चयन करके इस पर ’’मियावाकी’’ तकनीक पर आधारित प्लाण्टेशन का कार्य शीघ्र कराया जाएगा जिसमें सभी संबंधित संगठनों को भी आमंत्रित किया जायेगा ताकि वह अपने अपने क्षेत्रो में इस तकनीक का लाभ उठाते हुये वनीकरण कर सके।
अन्त में उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी श्री पी0के0 अग्रवाल ने कार्यशाला में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों एवं शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा एन0जी0ओ0 को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यशाला के समापन की घोषणा की।