हाल ही में हैकर्स ने ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट एप मोबिक्विक के 9.9 करोड़ भारतीय ग्राहकों का बैकिंग डाटा लीक करने का दावा किया था। अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मोबिक्विक को आरोपों की फॉरेंसिक ऑडिट कराने का आदेश दिया है। केंद्रीय बैंक ने कंपनी को चेतावनी दी है कि अगर कोई गलती पाई जाती है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। आरबीआई ऐसे मामलों में किसी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर पर कम से कम पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा सकता है।
हैकर्स ने किया दावा, कंपनी ने किया खंडन
हैकर्स की तरफ से जारी डाटा में ग्राहकों के मोबाइल नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक खाता संख्या से लेकर ईमेल तक शामिल हैं। हालांकि मोबिक्विक ने अपने डाटा में किसी भी तरह की सेंध लगने से इनकार करते हुए हैकर्स के दावे को खारिज किया है। इस डाटा लीक का खुलासा साइबर सिक्योरिटी एनालिस्टस राजशेखर राजहरिया ने किया था। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल, पीसीआई स्टैंडर्ड्स और पेमेंट टेकभनोलॉजी कंपनियों को भी इस बारे में पत्र लिखा।
फोरेंसिक डाटा सिक्योरिटी ऑडिट कराएगी कंपनी
मोबिक्विक के प्रवक्ता ने कहा कि डाटा लीक के दावे का पता चलते ही कंपनी ने बाहरी सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ मिलकर जांच शुरू कर दी थी और डाटा में किसी भी तरह की सेंध नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि कंपनी इस मुद्दे पर संबंधित प्राधिकारों के साथ मिलकर काम कर रही है और आरोपों की गंभीरता को देखते हुए थर्ड पार्टी फोरेंसिक डाटा सिक्योरिटी ऑडिट भी कराएगी। फिलहाल कंपनी अपने ग्राहकों से कहना चाहती है कि उनके सभी खाते और ब्योरा पूरी तरह सुरक्षित है।
तत्काल बदल लें अपना पासवर्ड
साइबर विशेषज्ञ राजहरिया के मुताबिक, हर किसी को अपने बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड के पासवर्ड तत्काल बदल लेने चाहिए ताकि उनका पैसा सुरक्षित रह सके। उन्होंने इसे बहुत बड़ा घोटाला बताते हुए सरकारी एजेंसियों से इसकी जांच करने की अपील भी की।