नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामले 5 हजार 500 के पार हो गए हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्षी दलों के 16 सांसदों के साथ बैठक की। उन्होंने सांसदों से कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया कोविड-19 की गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। देश इस वक्त सोशल इमरजेंसी जैसे हालात हैं। ऐसे में कड़े फैसले लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और आगे भी बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। कई राज्य सरकारों और विशेषज्ञों ने भी लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने का सुझाव दिया है। बैठक के बाद बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने भी यही दावा किया कि प्रधानमंत्री ने हमें यह स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन एक बार में खत्म नहीं किया जाएगा। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी कहा कि सरकार लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ा सकती है।
इधर, प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को लॉकडाउन के संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। मोदी ने कैबिनेट की बैठक में भी यही संकेत दिए थे कि लॉकडाउन एकसाथ नहीं हटाया जाएगा। 5 राज्यों मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और केरल के मुख्यमंत्री भी लॉकडाउन को बढ़ाए जाने के पक्ष में हैं।
लॉकडाउन को हटाने पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विपक्षी सांसदों से लॉकडाउन हटाने और सांसद निधि में कटौती के मुद्दे पर चर्चा की। सांसद निधि में कटौती को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जाहिर की थी। वहीं, लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है। ऐसे में कई राज्यों ने इसे जारी रखने का सुझाव दिया है। कोरोना पर गठित मंत्री समूह ने भी स्कूल-कालेज, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थल 15 मई तक बंद रखने की सिफारिश की है। मंत्री समूह की राय है कि लॉकडाउन 14 अप्रैल से आगे नहीं बढ़ने की सूरत में भी ये गतिविधियां बंद ही रहनी चाहिए। साथ ही, धार्मिक केंद्रों और मॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रोन से भीड़ की निगरानी की जाए। मंत्रीसमूह की बैठक मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई थी।