केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले साल मार्च तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। पिछले साल, सरकार ने कोरोना के प्रकोप के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के मद्देनजर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) द्वारा कवर किए गए सभी लाभार्थियों के लिए PM-GKAY की घोषणा की थी।
यह योजना 30 नवंबर को समाप्त होने वाली थी। इस योजना के तहत, सरकार लगभग 80 करोड़ एनएफएसए लाभार्थियों को 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करती है।
पीएमजीकेएवाई को मार्च 2022 तक चार महीने के लिए बढ़ा दिया गया है, कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इससे राजकोष पर अतिरिक्त 53,344 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई की कुल लागत इस विस्तार सहित लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी।
PMGKAY को COVID-19 महामारी के कारण हुए संकट को दूर करने के लिए तीन महीने (अप्रैल-जून 2020) के लिए प्रदान किया गया था। हालांकि, संकट जारी रहने के साथ, कार्यक्रम को और पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2020) के लिए बढ़ा दिया गया था। महामारी की दूसरी लहर की शुरुआत के बाद, पीएमजीकेएवाई को एक बार फिर दो महीने (मई-जून 2021) के लिए शुरू किया गया था और इसे आगे पांच महीने (जुलाई-नवंबर 2021) के लिए बढ़ा दिया गया था।
कृषि कानूनों की वापसी को लेकर विधेयक को भी मंजूरी
आज की कैबिनेट बैठक में तीने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए विधेयक को भी मंजूरी दे दी गई, जिसे शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाना है। अनुराग ठाकुर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को गुरु पर्व के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले की घोषणा की थी । उन्होंने बताया कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के संबंध में औपचारिकताएं पूरी कर ली गई । सूचना प्रसारण मंत्री ने बताया कि संसद के 29 नवंबर को शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा एवं राज्यसभा में इन कानूनों को निरस्त करने संबंधी प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
एक सवाल के जवाब में ठाकुर ने कहा, ”संसद में भी इस कार्य (तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने) को प्राथमिकता के आधार पर लिया जायेगा।” उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल के कार्य को हमने पूरा कर लिया है और संसद को जो करना है, उस दिशा में काम को हम सत्र के पहले हफ्ते और पहले दिन से ही आरंभ करेंगे।