लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कोरोना की आड़ में कर्मचारियों के भत्ते खत्म करने पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि पहले प्रदेश सरकार ने ये घोषणा की थी कि भत्तो को सिर्फ स्थगित किया गया है लेकिन अब सरकार कर्मचारियों के 6 प्रकार के भत्ते खत्म करने जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपने इस फैसले को वापस लेने के लिए पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को ’मुख्यमंत्री सहायता कोष’ को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा कि योगी सरकार का राजकोषीय प्रबंधन ध्वस्त हो गया है। प्रदेश के आम नागरिकों, विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिये स्वेच्छा से सरकार को हजारों करोड़ रुपये दान दिये है। बावजूद इसके सरकार ने कर्मचारियों के भत्तो को खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फण्ड का विवरण प्रदेश की जनता के समक्ष रखा है। यूपी के मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वे भी ऐसी ही पारदर्शिता दिखायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों के भत्ते को खत्म करना अमानवीय, अव्यवहारिक और तुगलकी फरमान है। प्रदेश के 16 लाख कर्मचारी प्रभावित होंगे और उनके वेतन में 3000 रुपये तक की कमी आयेगी। कोरोना महामारी में कर्मचारी विशेषकर डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, सफाई कर्मचारी, पुलिस, खुफिया विभाग, शिक्षक आदि अपना योगदान दे रहे है, वही दूसरी ओर प्रदेश सरकार इनके हितो और जीविका को लूटने का काम कर रही है।
अजय कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार निजी कंपनियों व उद्योगों के मालिकों से ये अपील कर रही है कि अपने कर्मचारियो का वेतन न काटे और समय से पहले वेतन दे, वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों का हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। लॉकडाउन महामारी के समय प्रदेश के कर्मचारियों पर दो गुना काम का बोझ है। ऐसे समय में उनके भत्तो को खत्म करना उन्हें हतोत्साहित करना होगा।