मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह गुरुवार को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुए। इस दौरान उनसे सात घंटे तक पूछताछ हुई। क्राइम ब्रांच उनके खिलाफ जबरन वसूली के मामले की जांच कर रही है। परमबीर के वकील का कहना है कि उन्होंने क्राइम ब्रांच के सामने बयान दर्ज कराया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, वह जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे।
राज्य सरकार कर सकती है कार्रवाई
राज्य सरकार के सूत्र ने बताया कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह छुट्टी पर थे और उन्होंने राज्य सरकार को अपने राज्य में लौटने की सूचना नहीं दी थी। राज्य सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
मुंबई पुलिस ने कहा कि परमबीर सिंह ने अपराध शाखा इकाई 11 कार्यालय कांदिवली में बिमल अग्रवाल द्वारा दर्ज रंगदारी मामले में अपना बयान दर्ज कराया। उनसे इस मामले में ही सवाल पूछे गए थे। उन्हें अभी दोबारा नहीं बुलाया गया है, लेकिन कहा गया है कि जब भी जरूरत होगी उन्हें बुलाया जाएगा।
अजीत पवार ने की बैठक
वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने आज कैबिनेट बैठक के बाद अमरावती हिंसा और परमबीर सिंह के मुद्दे को लेकर बैठक बुलाई। बैठक में राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और गृह विभाग के अन्य आला अधिकारी मौजूद रहे।
चंडीगढ़ में होने का किया था खुलासा
सुप्रीम कोर्ट के दबाव के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने बुधवार को खुलासा किया था कि वह चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही मुंबई जाएंगे। उन्होंने कहा था कि मेरी जान को खतरा है इसलिए मैं यहां हूं। वहीं पुलिस व कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण के सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैंने अभी अपने अगले कदम के बारे में निर्णय नहीं लिया है। आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह बुधवार शाम को टेलीग्राम में दिखे थे। हालांकि बाद में उन्होंने सोशल मैसेजिंग एप से अपना अकाउंट डिलीट कर दिया। मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से स्थानांतरण और महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सिंह ने इस साल मई से काम करने की सूचना नहीं दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह से जांच में सहयोग करने को कहा था। कोर्ट ने फिलहाल परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और उनसे पूरे मामले की जांच के दौरान सहयोग बरतने का निर्देश दिया था। कोर्ट में उनके वकील ने कहा कि परमबीर सिंह को पूरे मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने जिन अधिकारियों को भ्रष्ट आचरण के लिए दंडित किया है, उन्हीं को आज शिकायतकर्ता बनाया गया है। अब तक उनके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।