लखनऊ। पूर्व कार्यकारिणी सदस्य एतमाद हसन इदरीसी लखनऊ बार एसोसिएशन व सेंट्रल बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष विकास श्रीवास्तव ने लखनऊ के एक निजी होटल में प्रेस वार्ता कर लोगों से शांति की अपील की। वहीं पुलिस से भी अपील की कि लखनऊ में हुए विरोध प्रदर्शन के पश्चात जिन लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। उसमें अधिकतर संख्यां निर्दोषों की है। पुलिस प्रशासन निर्दोष लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। जिन उपद्रियों ने उपद्रव हिंसा प्रदेश में कई स्थानों पर की है उनकी पहचान सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से करके उन लोगों के ऊपर फौजदारी कार्यवाही करके जेल में नीरूध किया जाये।
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर अनैतिक ढंग से फौजदारी की कार्यवाही ही पुलित प्रशासन के
माध्यम से न की जाये। उपद्रव हिंसा के दौरान गिरफ्तार किये गये लोगों की जानकारी उनके पैरोकार को नही दी जा रही है। अगर कोई पैरोकार सम्बन्धित थाने पर अपने परिवार के लापता सदस्य की जानकारा के लिये जाता है तो पुलिस/प्रशासन उन पैरोकार को भी गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। निम्न स्तर की अभद्रता कर रही है। पुलिस प्रशासन द्वारा अनैतिक ढंग से सीढ़ियों के माध्यम से निर्दाष लोगो के घरो में विधि विरुद्ध तरीके से घुस कर गिरफ्तारियां की जा रही है। अगर अभियुक्त नहीं गिरफ्तार हो हा है तो
घर की औरतों व बच्चों से अशोभनीय, अमर्यादिय टिप्पड़ी की जा रही है। पुलिस प्रशासन धारा 151 भा0 दा0 प्रा0 स0 में भी अनियुक्तों को जबरन गिटफ्तारी कर जेल भेज रही है। एवं सम्बन्धित मजित्ट्रेट भारी प्रतिभू मांग रहे हैं। जिससे निर्दोष एवं निर्धन लोगों के लिए उपलब्ध करा पाना असंभव है। उस सम्बंधित मजिस्ट्रेट को जब कि उक्त घारा में भारी प्रतिभू के
माध्यम से मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया जाये कि उक्त मामले में उचित प्रतिभू एवं निजी मुजकलों पर रिहा करे। समस्त अभियुक्तों पर उनके द्वारा किये गये कृत्य के अनुसार अभियोग पंजीकृत किया जाए और विधि विरुद्ध कुर्की की कार्यवाही न की जाये। जिन व्यक्तियों की पूर्व में नोटिस पुलित/प्रशासन द्वारा दी गयी है। अगर उन व्यक्तियों ने उन नोटिस का अनुपालन किया तो उनके ऊपर अभियोग पंजीकृत करना असंवैधानिक है। उन व्यक्तियों के ऊपर पंजीकृत अभियोग तत्काल प्रभाव ते स्पंज किया जाय। उक्त घटना क्रम से समस्त जन मानस में आक्रोश व्याप्त है। पुलिस प्रशासन ने जिस प्रकार से निर्दोष लोगों पर विधि विरूद्ध रूप से कार्यवाही की जा रही है। उस पर रोक लगायी जाये।