जम्मू। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कश्मीरियत का जीता-जागता उदाहरण पेश किया। इलाके में जारी लॉकडाउन के बीच 110 साल के कश्मीरी पंडित के अंतिम संस्कार के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग आगे आए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, शोपियां के जैनापुरा में कश्मीरी पंडित कंठ राम की मौत की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में मुस्लिम लोग आगे आए और अंतिम संस्कार में मदद की।
इलाके में बढ़ते कोरोना के प्रभाव की वजह से यहां बुधवार से 5 दिन का लॉकडाउन लगाया गया है। इसके बाद भी कई लोग मृतक के घर संवेदना व्यक्त करने पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि लंबी बीमारी की वजह से गुरुवार सुबह कंठ राम की मौत हो गई थी। उनके परिवार और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर हिंदू रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार किया।
बुजुर्ग का परिवार उन कश्मीरी पंडितों में से था, जो 90 के दशक की शुरुआत में घाटी में हुए संघर्ष के बाद भी विस्थापित नहीं हुए थे। यह पहली बार नहीं है, जब कश्मीरी मुसलमानों ने कश्मीरी पंडितों या अन्य धर्मों के लोगों के अंतिम संस्कार में मदद की है। इससे पहले 4 जून को उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा के कलोसा गांव में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक कश्मीरी पंडित महिला के अंतिम संस्कार में मदद की थी।
मई के दूसरे हफ्ते में सेंट्रल कश्मीर के गांदरबल इलाके में लॉकडाउन के दौरान मुस्लिम लोगों ने एक सिख व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया था। वहीं, 23 मई को दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके में एक बुजुर्ग कश्मीरी पंडित का पड़ोसी मुस्लिम परिवार ने अंतिम संस्कार किया था।