विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट मनमीत सिंह सूरी की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में एक दुष्कर्मी को सात साल का सश्रम और दूसरे को पांच साल सश्रम कारावास की सजा दी है। अदालत ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना न देने पर अतिरिक्त कारावास काटना होगा।
विशेष लोक अभियोजक कमलेश चौधरी ने अदालत को बताया कि गौर थाना क्षेत्र की एक महिला ने न्यायालय के माध्यम से थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उसने बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री को 14 दिसंबर 2013 को शौच के लिए बाहर जाते समय गांव के गोविंद उर्फ गोभी के सहयोग कप्तानगंज थाना क्षेत्र निवासी मनीराम ने अपहरण कर लिया था।
थाने में मुकदमा पंजीकृत करने के बाद गांव के गोविंद को पुलिस ने पकड़ा। 24 दिसंबर 2013 को बालिका को गांव के बगल लाकर छोड़ दिया। बालिका के घर आने पर बताया गया की मनीराम व गोविंद उसको कई जगह ले गए। जिसका नाम नहीं जानती। जहां पर दोनों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।
न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दुष्कर्म के मामले में मनीराम को सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी। सहयोगी गोविंद उर्फ गोभी को बहला-फुसलाकर भगाने व जान से मारने की धमकी देने के मामले में पांच साल की सजा व 10 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया।