नई दिल्ली/कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर दिल्ली और बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को दिल्ली के जाफराबाद में प्रदर्शनकारियों ने दो बसों सहित कई वाहनों में तोड़फोड़ की। मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने एक मोबाइल शौचालय को भी आग लगा दी। उपद्रवी घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरे और एक एलईडी भी को ले गए। घटना में करीब 22 लोग जख्मी हुए हैं, इसमें 12 पुलिस कर्मी शामिल हैं। पुलिस ने पत्थर चलाने के आरोप में पांच युवकों को हिरासत में लिया है।
बंगाल में पुलिस को निशाना बना कर फेंके गए बम, डीसीपी घायल
बंगाल में हावड़ा का मानिकपुर इलाके रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस को लक्ष्य कर बम फेंके गए, जिसमें हावड़ा के डीसीपी समेत तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। उपद्रवियों ने जगह-जगह ट्रेनें भी रोकी। उधर, सीएए के विरोध को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। मऊ व लखनऊ समेत अन्य जिलों में पुलिस ने अब तक 113 आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 28 मऊ में पकड़े गए हैं। अलग-अलग जिलों में 18 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य आरोपितों को चिह्नित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने तलब की रिपोर्ट
इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जामिया और एएमयू की घटनाओं पर विवि प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। दोनों विवि के वीसी मंगलवार को मंत्रालय पहुंचे और तथ्यों की जानकारी दी। जामिया मिल्लिया और जाफराबाद में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मंगलवार को दिल्ली के जाफराबाद में दिन में करीब 1:00 बजे रैली का आयोजन किया था। इसकी अनुमति भी ली गई थी, इसलिए कुछ पुलिसकर्मी रैली की सुरक्षा में लगे हुए थे। इस बीच पता चला कि जाफराबाद थाने के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया।
करीब एक से डेढ़ बजे तक यहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन चला। डेढ़ बजे जैसे ही प्रदर्शनकारी हटने लगे, तभी कुछ उपद्रवियों ने पास में खड़ी एक क्लस्टर और एक निजी बस में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कुछ लोगों ने पुलिस की तरफ पत्थर भी फेंकने शुरू कर दिए। पुलिस को इसकी आशंका नहीं थी। इस वजह से पुलिस बल भी मौके पर कम था। पथराव की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर भेजा गया, लेकिन तब तक भीड़ हिंसक हो चुकी थी। इसी बीच सीलमपुर पुलिस चौकी में घुसकर भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया तो वेलकम और जनता कॉलोनी में छतों पर से लोग ईट के टुकड़े फेंकने लगे। रिजर्व पुलिस बल के मौके पर पहुंचने के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही लाठीचार्ज करके प्रदर्शनकारियों को काबू किया।
प्रदर्शन के कारण मंगलवार को भी सात मेट्रो स्टेशन बंद रहे। दिल्ली पुलिस के निर्देश पर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने वेलकम, जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एंक्लेव, शिव विहार व सीलमपुर स्टेशन से दोपहर में यात्रियों का आवागमन रोक दिया। इन स्टेशनों के प्रवेश व निकास गेट बंद थे और मेट्रो ट्रेने नहीं रुक रही थीं।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया हिंसा मामले में गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। कहा कि हिंसा में कई असामाजिक तत्वों ने पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया था। हिंसा की तैयारी उपद्रवियों ने पहले से ही कर रखी थी। प्रदर्शन में शामिल अधिकतर लोगों को यह मालूम नहीं था कि नागरिकता संशोधन कानून क्या है।
सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा में संगठित ग्रुप के लोग शामिल थे। अब तक की जांच से पता चला है कि हिंसा में जामिया के छात्र शामिल नहीं थे। उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाई थीं। पुलिस को मौके से 7.62 बोर के खाली खोखे भी मिले हैं। स्थानीय लोगों ने 112 नंबर पर कॉल कर शिकायत की थी और पुलिस के सामने गवाही भी दी है।
उपद्रवियों को काबू करने के लिए जितने भी पुलिसकर्मी इलाके में तैनात थे उनमें किसी के पास हथियार नहीं थे। उनके पास केवल डंडे थे। लेकिन, घटना के दौरान कई नेताओं व अन्य लोगों ने सोशल मीडिया पर पटना में हुए गोलीकांड की पुरानी वीडियो पोस्ट कर अफवाह फैलाई कि पुलिसकर्मियों ने गोलियां चलाई हैं। एक पुलिसकर्मी पर आरोप लगाया गया कि उसने बस पर पेट्रोल उड़ेल आग लगाई। जबकि वह एक ठेली वाले से गैलन में पानी लेकर आग बुझाने आया था।
जामिया विश्वविद्यालय के अंदर घुसकर छात्राओं की पिटाई करने की अफवाह फैलाई गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ राजनीतिक पार्टियों के नेता पूरी दिल्ली में दंगा कराने चाहते हैं, माहौल बिगाड़ना चाहते हैं।
सभी गिरफ्तार घोषित अपराधी
जामिया हिंसा मामले में पुलिस ने दस आरोपितों को गिरफ्तार किया है। दसों घोषित अपराधी हैं। डीसीपी दक्षिणी-पूर्वी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि छह को जामिया नगर व चार को एनएफसी थाने की पुलिस ने दबोचा है। सभी के खिलाफ लूट, ऑर्म्स एक्ट, झगड़ा करने, सरकारी कर्मचारी से मारपीट करने समेत अन्य संगीन धाराओं में अलग-अलग थानों में पहले से ही मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, आरोपितों ने बताया कि वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र बनकर प्रदर्शन में शामिल हुए। इसके बाद मौका मिलते ही हिंसा करने लगे। इन्होंने ही पुलिस और बसों पर पथराव किया था।