वाशिंगटन। नागरिकता संशोधन विधेयक पर अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। इसलिए अमेरिका यह उम्मीद करता है कि वह अपने देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और अल्प संख्यकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। अमेरिका ने यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है, जब प्रतिनिधि सभा में कश्मीर मामले में प्रस्ताव पेश किया गया है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के संबंध में हम घटनाक्रमों का बारीकी से देख रहे हैं। धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के तहत समान व्यवहार लोकतंत्र के मूल सिद्धांत हैं। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका भारत से भारत के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए अपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करता है।
इस बीच खबर है कि पुर्वोत्तर भारत में हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए जापान के प्रधानमंत्री की प्रस्तावित भारत यात्रा रद हो सकती है। भारत में नागरिकता कानून को लेकर गुवाहाटी में उपजे विवाद के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की भारत यात्रा टल सकती है। बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के उनके समकक्ष शिंजा अबे की असम की राजधानी गुवाहाटी में एक शिखर वार्ता होनी थी। गौरतलब है कि जापान के प्रधानमंत्री रविवार को भारत पहुंचना हैं। आबे को गुवाहाटी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लेना है।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनाव
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। असम में स्कूलों और कॉलेजों को 22 दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद भी प्रदर्शनकारी सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी लगातार कर्फ्यू का उल्लंघन कर रहे हैं। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है। मेघालय और असम में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। मेघालय में भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच प्रदर्शनों का दौर जारी है। गुरुवार को शिलॉन्ग में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बाजार इलाके में दुकानों को आग लगा दी।