पुणे । 5 वर्षीय डॉ. गोडबोले सेवानिवृत्ति के बाद पुणे में रह रहे थे। उन्होंने घर पर ही अंतिम सांस ली। उन्होंने मार्च 1993 में प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। इससे पहले वे केंद्रीय गृह सचिव थे। गोडबोले ने नीतिगत फैसलों पर 20 से अधिक किताबें भी लिखी थीं। उनके परिवार में पत्नी सुजाता, पुत्र राहुल, पुत्री मीरा हैं।
अपने लंबे सरकारी अफसर के कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण सरकारी समितियों की अध्यक्षता की। इनमें महाराष्ट्र की चर्चित एनरॉन बिजली परियोजना व देश की सीमाओं के प्रबंधन की समिति शामिल थी। गोडबोले महाराष्ट्र में प्रमुख वित्त सचिव, महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष, पेट्रोलियम सचिव जैसे प्रमुख पदों पर भी रहे। उन्होंने ‘द गॉड हू फेल: एन असेसमेंट ऑफ जवाहरलाल नेहरूज लीडरशिप’ और ‘गुड गवर्नेंस नेवर ऑन इंडियाज रडार’, ‘सेक्युलरिज्म : इंडिया एट क्रॉसरोड्स और ‘इंदिरा गांधी’ तथा ‘संवैधानिक तानाशाही का एक युग’ जैसी किताबें लिखीं। इनमें से कई का मराठी और हिंदी में अनुवाद किया गया था। गोडबोले ने अंग्रेजी और मराठी में निबंधों का संकलन प्रकाशित किया। इसके अलावा कई प्रमुख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं में लेख लिखे।