चीन में महामारी बन चुके कोरोना वायरस से 150 और लोगों की मौत होने के बाद इस घातक वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़ कर सोमवार को 2,592 हो गई। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बताया कि 150 में से 149 लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है, जहां इस वायरस का सबसे अधिक प्रकोप है। आयोग ने 409 नए मामलों के सामने आने की पुष्टि भी की, जिनमें से अधिकतर हुबेई प्रांत में हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालीना जॉर्जीवा ने रविवार (23 फरवरी) को कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की गति जोखिम में पड़ सकती है। उन्होंने जी-20 देशों के वित्तमंत्रियों तथा केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की यहां चल रही बैठक के दूसरे दिन रविवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में पिछले साल 2.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई। इस साल इस दर के सुधरकर 3.3 प्रतिशत हो जाने का अनुमान था। उन्होंने कहा, ”वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में अनुमानित सुधार अब और नाजुक है।”
जॉर्जीवा ने कहा, ”कोविड-19 (कोरोना वायरस), जो कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिये एक वैश्विक आपातकाल है, के कारण चीन में आर्थिक गतिविधियां बाधित हुई हैं और इसके कारण वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में सुधार की राह में जोखिम उत्पन्न हो सकता है।” उन्होंने कहा, ”मैंने जी-20 को बताया है कि यदि कोरोना वायरस के संक्रमण पर तेजी से काबू पा लिया जाता है, तब भी चीन की और शेष विश्व की आर्थिक वृद्धि दर पर इसका असर पड़ेगा।”
उन्होंने कहा कि इस वायरस के संक्रमण के कारण वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर में 0.1 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इसके कारण चीन की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 5.6 प्रतिशत पर सिमट सकती है। जॉर्जीवा ने इस वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिये जी-20 के सदस्य देशों से आपस में तालमेल का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ”कोविड-19 हमारे अंतर्संबंधों और साथ मिलकर काम करने की जरूरत की याद दिलाता है। इस संबंध में जी-20 एक महत्वपूर्ण मंच है जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत स्थिति में लाने में मदद कर सकता है।” उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के कारण चीन में अब तक करीब 2,500 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके कारण कई कंपनियों और कारखानों को परिचालन बंद करना पड़ा है।