मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ आज से हो गया है। आज चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है, आज से ही चैत्र नवरात्रि शुरू हुई है। इसमें प्रत्येक दिन नौ देवियों के स्वरूपों की क्रमश: आराधना होगी। आज नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। नवरात्रि में पूजा के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा आरती के अलावा दुर्गा सप्तशती का पाठ भी महत्वपूर्ण होता है। आज नवरात्रि के विशेष अवसर पर आप दुर्गा सप्तशती के कुछ मंत्रों का जाप करेंगे, तो उससे आपको माता रानी की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ विशेष आशीर्वाद प्राप्ति के लिए किया जाता है। दुर्गा सप्तशती में 13 अध्याय और 30 सिद्ध सम्पुट मंत्र दिए गए हैं। हर मनोकामना के लिए अलग मंत्र है। मां दुर्गा की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करके आप अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं।
1. रोग नाश के लिए मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा
रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां
त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।
2. आरोग्य एवं सौभाग्य का मंत्र
देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
3. विपत्ति नाश और शुभता के लिए मंत्र
करोतु सा न: शुभहेतुरीश्वरी
शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापद:।
4. शक्ति प्राप्ति के लिए मंत्र
सृष्टिस्थितिविनाशानां शक्तिभूते सनातनि।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि नमोस्तु ते।।
5. अपने कल्याण के लिए मंत्र
सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।