उत्तर भारत में शीत लहर का कहर जारी है। कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नए साल के पहले दिन दिल्ली और आसपास के इलाकों में गहरा कोहरा छाया हुआ है। दृश्यता भी बेहद रही। हालांकि कल से तापमान में कुछ बढ़ोतरी का अनुमान है लेकिन शीत लहर और ठंड से जल्द राहत मिलने वाली वाली नहीं है।
साल के आखिरी दिन बर्फीली हवाओं व कड़ाके की ठंड ने हाड कंपा दिए। साल का आखिरी दिन सीजन का सबसे अधिक ठंडा दिन रहा। जब न्यूनतम तापमान लुढ़कर 3.3 डिग्री पहुंच गया। लोदी रोड में तो न्यूनतम तापमान 3.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं पन्द्रह साल में दूसरी बार दिसंबर सबसे अधिक ठंडा रहा। जब औसत न्यूनतम तापमान 7.1 डिग्री दर्ज हुआ। इससे पहले वर्ष 2018 में 6.7, 2005 में दिसंबर में औसत न्यूनतम तापमान 6.0 डिग्री रहा था।
मौसम विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल दिसंबर का औसत न्यूनतम तापमान 7.1 डिग्री सेल्सियस रहा है। जबकि बीते साल औसत न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस रहाथा। आईएमडी के अनुसार दिसंबर में औसत न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रहता है। बीते 15 साल में वर्ष 2018 में औसत तापमान सात डिग्री से नीचे गया था जब तापमान 6.7 डिग्री दर्ज हुआ था। वहीं वर्ष 2005 में औसत न्यूनतम तापमान 6 डिग्री था, वर्ष 1996 में औसत न्यूनतम तापमान 5.9 डिग्री और 1993 में 7.3 डिग्री दर्ज किया गया था।
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक आसमान साफ रहने, हिमालय क्षेत्र से पश्चिमी विक्षोभ और ला नीना केप्रभाव के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज हुई है। 12 दिसंबर तक न्यूनतम तापमान सामान्य ही दर्ज हो रहा था। उसकेबाद पश्चिमी विक्षोभ के कारण हिमालय क्षेत्र में हलचल हुई इससे जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी व बारिश देखने को मिली। जम्मू कश्मीर और हिमाचल से हवा का रुख बदलने से दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान में गिरावट आने लगी। वैश्विक कारण ला नीना प्रभाव ने तापमान में गिरावट में योगदान दिया।
बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान व न्यूनतम तापमान दोनों में गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 17.4 व न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दो जनवरी से अधिकतम व न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होनी शुरु होगी। एक जनवरी को अधिकतम तापमान 19 डिग्री व न्यूनतम तापमान 4 डिग्री रहने की संभावना है।
इस साल आठ दिन शीतलहर चली
साल 2020 के दिसंबर में आठ दिन शीतलहर की स्थिति रही। इससे पहले 2018, 1961 में आठ दिन शीतलहर चली थी। जबकि सबसे अधिक शीतलहर 1965 में नौ दिन चली थी। मालूम हो कि न्यूनतम तापमान 10 डिग्री व उससे नीचे और सामान्य से चार-पांच डिग्री कम होने जाने पर शीतलहर घोषित की जाती है।