पूर्वी चंपारण। चीन के साथ-साथ विश्व के कई देशों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती बरती जा रही है। इसको लेकर भारत सहित अन्य देशों के नागरिक जो चीन से लौट रहे है सीधे भारत में प्रवेश नहीं करे इसके लिए आब्रजन कार्यालय के समीप जांच किया जा रहा है। पीएचसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि आब्रजन कार्यालय से सूचना मिली। जिसके आधार पर चिकित्सकों के एक दल को जांच के लिए भेजा गया। जिसमें डॉ. अमित कुमार जायसवाल ने भारत नेपाल मैत्री बस सेवा जो काठमांडू से भारत के बोधगया जा रही थी।
उसमें सवार दो चीन की महिला कियावो नावयु (30) और लीयोलिंग (40) की जांच की गई। दोनों महिलाओं में सर्दी, जुकाम और बुखार आदि नहीं पाया गया। दोनों महिलाओं ने बताया कि वे बीते वर्ष दो नवंबर को दिल्ली पहुंची है। उसके बाद से नेपाल के काठमांडू और बोधगया के बीच सफर की है। शनिवार की सुबह वे नेपाल के काठमांडू से बोधगया जा रही थी।
कोरोना को लेकर किसी भी तरह के सर्दी, जुकाम, कई दिनों से बुखार आदि पीड़ित कोई विदेशी नागरिक या पर्यटकों का जांच अगले आदेश तक जरूरी है। डॉ. शर्मा ने बताया कि कोरोना काे लेकर सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों को भी जानकारी दी जा रही है। उनसे भी समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। सतर्कता बरतनी है। बताया कि चीन में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस को लेकर वहां से आने वाले पर्यटकों व प्रभावित अन्य देशों के नागरिकों एवं पर्यटकों की जांच भारत में प्रवेश के दौरान अगले आदेश तक जरूरी है।