फेस्टिवल सीजन शुरू होने वाला है इसी को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स फ्लिपकार्ट और अमेजन सेल लेकर आ रही है। फ्लिपकार्ट की बिग बिलियन डे सेल 16 अक्टूबर और अमेजन की ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल 17 अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसमें लोगों को काफी डिस्काउंट और नो कोस्ट EMI जैसे कई दावे किए जा रहे हैं। अगर आप भी इस दिवाली ऑनलाइन शॉपिंग करने का प्लान बना रहे हैं तो इससे पहले डिस्काउंट और नो कोस्ट EMI सहित इन बातों पर ठीक से ध्यान देना जरूरी हैं ताकि आप सही कीमत पर सही सामान ले सकें।
नो कोस्ट EMI
फ्लिपकार्ट और अमेजन सेल से सामान लेने पर आपको नो-कॉस्ट ईएमआई (No Cost EMI) की सुविधा दी जाएगी। लेकिन बिना सोचे समझे नो-कॉस्ट ईएमआई से शॉपिंग करने पर आपको सामान की कीमत से ज्यादा दाम चुकाना पड़ सकता है। नो-कॉस्ट ईएमआई के तहत शॉपिंग करते समय सावधानी जरूरी है। नाम न बताने की शर्त पर एक NBFC के एग्जीक्यूटिव ने बताया कि नो कॉस्ट EMI पर आपको प्रोडक्ट पूरी कीमत पर खरीदना होता है। इस पर भी 15 फीसदी तक ब्याज वसूला जाता है।
ज्यादा सामान बेचने का नुस्खा है नो कोस्ट EMI
नो कोस्ट EMI ज्यादा सामान बेचने के लिए अपनाया जाने वाला नुस्खा है। नो कॉस्ट ईएमआई देखकर किसी भी सामान को खरीदने की जल्दबाजी न करें उसके बारे में अच्छे से पढ़ें। बैंक दिए गए डिस्काउंट को ब्याज के रूप में वापस ले लेता है। नो-कॉस्ट ईएमआई स्कीम आम तौर पर 3 तरीके से काम करती है। पहला तरीका यह कि नो कॉस्ट EMI पर आपको प्रोडक्ट पूरी कीमत पर खरीदना होता है। इसमें कंपनियां ग्राहकों को दिए जाने वाला डिस्काउंट को बैंक को ब्याज के तौर पर देती है। दूसरा तरीका यह कि कंपनी ब्याज की राशि को पहले ही उत्पाद की कीमत में शामिल कर देती है। वहीं तीसरा तरीका होता है कि कंपनी का जब कोई सामान नहीं बिक रहा होता है तो उसे निकालने के लिए भी नो-कॉस्ट ईएमआई का सहारा लेती है।
‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ पर सामान खरीदते समय बरतें सावधानी
‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ पर कोई भी सामान लेने से पहले उस सामान की कीमत के बारे में अच्छे से अन्य ई कॉमर्स साइट या ऑफलाइन पता करें। इसके अलावा ‘नो-कॉस्ट ईएमआई’ ईमेल पर सेवा एवं शर्तों को ध्यान से पढ़ें। क्योंकि कई बार EMI चूकने या प्रोसेस फीस के नाम पर नहीं पैसे वसूले जाते हैं।
डिस्काउंट
फेस्टिवल सेल में ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स में कंपनियां 80 फीसदी तक डिस्काउंट देने का दावा कर रही हैं। लेकिन ये डिस्काउंट केवल कुछ ही प्रोडक्ट पर रहता है। बाकी उत्पादों पर छूट उतनी अधिक नहीं हो सकती है। आम तौर पर, 70-80 फीसदी की छूट फैशन उत्पादों पर दी जाती है। इसके अलावा कंपनी अपने पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए भी उस पर ज्यादा डिस्काउंट देती है। ऐसे में ज्यादा डिस्काउंट वाली कोई भी चीज खरीदने से पहले उसकी ठीक से जांच करनी चाहिए।
जांच जरूरी
भारी छूट का लालच में फंसने से पहले, जांच लें कि क्या ये सही उत्पाद है या नहीं। “यदि आप कुछ खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो बेहतर होगा कि आप इसकी कीमत पर नजर बनाए रखें। इसके अलावा, उत्पाद खरीदने से पहले कई वेबसाइटों पर कीमतों की तुलना करें।
कैशबैक
ये खरीदारों को आकर्षित करने के लिए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइटों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। जैसा कि नाम से पता चलता है, कैशबैक के तहत, खरीदार को उत्पाद की कीमत का कुछ फीसदी हिस्सा या एक तय रकम वापस मिल जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आप 5 हजार रुपए का उत्पाद खरीदते हैं, तो कैशबैक के रूप में आपको 10 फीसदी या 500 रुपए तक वापस किए जाएंगे।
कितना मिलेगा कैशबैक?
कोई भी चीज खरीदने से पहले कैशबैक के नियमों और शर्तों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। ऑनलाइन पोर्टलों द्वारा पेश किए जाने वाले कैशबैक आमतौर पर नियमों और शर्तों के साथ आते हैं। कैशबैक कितना है, इसकी जांच होनी चाहिए क्योंकि वे आमतौर पर ऊपरी सीमा के साथ आते हैं। इसके अलावा इसमें न्यूनतम खरीद राशि की शर्त होती है। उदाहरण के लिए, यह ऑफर 20 फीसदी तक का कैशबैक दिखा सकता है, लेकिन इसमें अधिकतम 1,000 रुपए ताकि के कैशबैक मिलने की सीमा हो सकती है। यानी आपको 1000 रुपए से ज्यादा का कैशबैक नहीं मिलेगा।