ओडिशा सरकार ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से संबंधित पांच हजार लोगों की कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया है। सरकार ने बुधवार को कहा कि इसमें सेवादार, पुलिस कर्मी और नगर पालिका के कर्मचारी भी शामिल होंगे। वहीं, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा है कि वह सेवादारों के परिवारों के लिए विशेष स्वास्थ्य सेवा केंद्र स्थापित करेगा।
कोरोना वायरस के चलते इस साल सदियों में पहली बार भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा वीरान सड़कों पर निकली। हर साल की तरह इस बार उनके दर्शन के लिए सड़कों पर उमड़ने वाला जनसैलाब नजर नहीं आया। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस तीर्थ नगरी में सोमवार सुबह से बुधवार दोपहर तक कर्फ्यू लगा था।
राज्य के मुख्य सचिव एके त्रिपाठी ने बताया कि रथ यात्रा को देखते हुए सोमवार की रात को बड़े स्तर पर सैंपल जमा करने का अभियान चलाया गया था। इसमें एक सेवादार की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। त्रिपाठी ने बताया कि इस संपर्क ट्रेसिंग में सेवादार के परिजनों समेत किल 16 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
दो हजार से ज्यादा सेवादारों के नमूनों में महज एक पॉजिटिव
ओडिशा के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रथ यात्रा से पहले दो हजार से ज्यादा सेवादारों के नमूने लिए गए थे। 22 जून को आई इनकी रिपोर्ट में से केवल एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। अधिकारी ने बताया कि उक्त सेवादार को अनुष्ठानों से दूर रखा गया और एक विशेष अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों के संपर्क में वह सेवादार आया था उनके भी सैंपल लिए गए हैं और जांच के लिए भेज दिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि बुधवार रात को इससे संबंधित 16 में से 14 लोगों की कोरोना जांच रिपोर्ट आने की उम्मीद है।
जगन्नानाथ मंदिर प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष एससी महापात्रा ने कहा कि करीब 2500 सेवादारों का दोबारा कोविड-19 परीक्षण होगा। भगवान जगन्नाथ और उनके दिव्य भाई-बहन के रथों के लौटने यानी ‘बहुदा जतरा; से पहले यह प्रक्रिया 28 जून तक पूरी होगी। संक्रमणमुक्त सेवादारों को ही इसमें शामिल होने की अनुमति होगी’