लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से नुकसान में मदद के लिए केंद्र से राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि (एनडीआरएफ) से 358.58 करोड़ रुपये की मांग की है। राहत आयुक्त संजय गोयल की ओर से इस संबंध में मांगपत्र केंद्रीय कृषि मंत्रालय को भेज दिया गया है।
प्रदेश में इस महीने एक मार्च से 15 मार्च तक 60 जिलों में बड़े पैमाने पर ओलावृष्टि हुई है। इस दैवी आपदा से 31 जिलों में 68 लोगों व 379 पशुओं की मृत्यु हुई है। 11,642 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। 7.02 लाख किसानों की 2,88,875.03 हेक्टेयर फसल का 33 फीसदी से अधिक नुकसान हुआ है। इनमें 2.42 लाख हेक्टेयर फसल दो हेक्टेयर तक नुकसान झेलने वाले किसानों की है।
दो हेक्टेयर से अधिक नुकसान झेलने वाले किसानों की 0.47 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है। ऐसे किसानों को कृषि निवेश अनुदान उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से 351 करोड़ 42 लाख 72 हजार रुपये की मांग की गई है। इसमें दो हेक्टेयर तक नुकसान वाले किसानों के लिए 303 करोड़ 71 लाख 30 हजार रुपये व दो हेक्टेयर से अधिक नुकसान वाले किसानों के लिए 47 करोड़ 71 लाख 42 हजार रुपये शामिल है।
जनहानि से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए 2.72 करोड़ व पशुहानि के मुआवजे के लिए 57.96 लाख रुपये मांगे गए हैं। जिन लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं, उन्हें मुआवजा देने के लिए 3 करोड़ 84 लाख 30 हजार रुपये मांगे गए हैं। इस तरह कुल 358 करोड़ 58 लाख 98 हजार रुपये की मांग की गई है। पहली बार राहत आयुक्त कार्यालय ने इतनी तेजी से कार्रवाई की है। ओलावृष्टि व बारिश रुकने के पांच दिनों के भीतर जिलों से नुकसान की रिपोर्ट मंगवाकर केंद्र को मांगपत्र भेज दिया गया है।
किसान हितैषी रणनीति, केंद्र से मिलने के पहले ही राहत वितरण
प्रदेश सरकार ने इस बार पूर्व की अपेक्षा अलग रणनीति अख्तियार की है। केंद्र से आवंटन मिलने का इंतजार करने की जगह अपने राज्य स्तरीय फंड से आपदा पीड़ितों में राहत वितरण का काम शुरू करा दिया है। राहत आयुक्त द्वारा जिलाधिकारियों को इस महीने राहत वितरण के लिए 249.02 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। 24.49 करोड़ रुपये इसके पहले जारी किए गए थे। इस तरह अब तक 273.51 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।