बंगलुरू। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ फरवरी में बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क की रैली में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली छात्रा अमूल्या लियोना की जमानत याचिका शहर की एक अदालत ने खारिज कर दी है। अमूल्या की जमानत याचिका बुधवार को खारिज करते हुए 60वें अतिरिक्त नगर दीवानी एवं सत्र न्यायाधीश विद्याधर शिराहट्टी ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है और जांच अधिकारी ने अभी तक आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है।
न्यायाधीश ने कहा, ‘यदि याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा कर दिया जाता है तो वह फरार हो सकती है, या इस तरह के अपराध में संलिप्त हो सकती है, जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ेगा।’
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका खारिज किए जाने योग्य है। दरअसल, इसी साल 20 फरवारो को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के विरोध में आयोजित एक कार्यक्रम में अमूल्या ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया। नारा सुनते ही वह मौजूद सभी लोग हरकत में आ गए। इस कार्यक्रम में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने अमूल्या के हाथ से माइक छीनने की भी कोशिश की। इस घटना के बाद देश में बड़े स्तर पर विवाद खड़ा हुआ था। यहाँ तक की अमूल्या के घर पर लोगों ने पथराव तक किया। अमूल्या के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज है।
कार्यकर्ता एवं कॉलेज छात्रा अमूल्या ने ‘हिंदू-मुस्लिम सिख ईसाई फेडरशन’ द्वारा 20 फरवरी को आयोजित सीएए, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ विरोध सभा के दौरान पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे।