नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान एआइएमआइएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिल की कॉपी फाड़ दी। उन्होंने कहा कि ये हिटलर के कानून से भी बदतर कानून है। इससे देश का एक और बंटवारा होने जा रहा है।
इससे पहले लोकसभा में नागरिकता बिल पेश हुआ।बिल को पेश होने के लिए लोकसभा में जो वोटिंग हुई, उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े हैं। लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह बिल 0.001 प्रतिशत भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है। इस बिल से जुड़े विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा। कांग्रेस की अगुआई में अधिकांश विपक्षी दलों ने भी नागरिकता संशोधन बिल के वर्तमान स्वरूप को देश के लिए खतरनाक बताते हुई इसके विरोध की ताल ठोक दी है। शिवसेना का कहना है कि केंद्र इस बिल के जरिए हिंदू-मुस्लिमों के बीच अदृश्य बंटवारा कर रही है।
– ओवैसी ने लोकसभा में चर्चा के दौरान नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ दी। उन्होंने कहा कि ये हिटलर के कानून से भी बदतर कानून है। इससे देश का एक और बंटवारा होने जा रहा है।
– लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि यह भेदभावपूर्ण है। सताए गए शरणार्थियों के तर्क को शरणार्थी को समायोजित करने के लिए वर्तमान कानून में संशोधन के माध्यम से अलग प्रावधान बनाकर निपटा जा सकता है। इसके लिए अलग भेदभावपूर्ण कानून की आवश्यकता नहीं है।
लोकसभा में एनसीपी की नेता सुप्रिया सुले ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर कहा कि हमारे लोकतंत्र की पूरी नैतिकता समानता है और अनुच्छेद 14 और 15 के बारे में बात करें तो मैं गृह मंत्री की बातों से आश्वस्त नहीं हूं। इसे सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दिया जाएगा। मैं उनसे इस पर पुनर्विचार करने और विधेयक को वापस लेने का अनुरोध करता हूं।
– तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) नाम नागेश्वर राव ने लोकसभा में कहा कि हम अपनी धर्मनिरपेक्ष पार्टी नीति के अनुरूप नागरिकता संशोधन 2019 का विरोध करते हैं। हम भारतीय संविधान के प्रावधानों और भावना का कड़ाई से पालन करते हैं।
लोकसभा में जदयू के सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन करते हैं। इस बिल को भारतीय नागरिकों के बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक दोनों के प्रकाश में नहीं देखा जाना चाहिए। अगर पाकिस्तान के सताए गए अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाती है तो मुझे लगता है कि यह सही बात है।
– शिवसेना के विनायक राउत ने कहा कि बिल में उल्लेखित इन छह समुदायों के कितने शरणार्थी भारत में रह रहे हैं? गृह मंत्रालय ने इसका जवाब नहीं दिया कि नागरिकता मिलने पर हमारी आबादी कितनी बढ़ जाएगी? इसके अलावा, श्रीलंका से तमिलों को लेकर क्या प्रावधान होगा?
लोकसभा में टीएमसी सासंद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अगर इस बिल को देखते तो उन्हें झटका लगता। क्योंकि यह उनके विचार के खिलाफ है। भाजपा का आइडिया ऑफ इंडिया विभाजनकारी है। अगर हम महात्मा गांधी के शब्दों को नजरअंदाज करेंगे और सरदार पटेल की सलाह पर ध्यान नहीं देंगे तो यह विनाशकारी होगा।
– लोकसभा में द्रमुक के नेता दयानिधि मारन ने कहा कि संभवतः पश्चिम का भय, पश्चिम द्वारा अलग-थलग होने का भय आप में फैल गया और आपको इस विधेयक में ईसाइयों को शामिल करना पड़ा। इसके अलावा अगर गुलाम कश्मीर (Pok) के मुसलमान आना चाहें तो क्या होगा? उसके लिए आपके पास क्या कानून है?
लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘गृहमंत्री ने कहा कि धर्म के आधार पर विभाजन के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि दो राष्ट्र सिद्धांत की नींव 1935 में अहमदाबाद में सावरकर ने हिंदू महासभा के सत्र में रखी थी, न कि कांग्रेस ने।’
– लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, अनुच्छेद 15, अनुच्छेद 21, अनुच्छेद 25 और 26 के खिलाफ है। यह विधेयक असंवैधानिक है और समानता के मूल अधिकार के खिलाफ है।
अमित शाह ने कहा कि हम इनर लाइन परमिट सिस्टम में मणिपुर को शामिल कर रहे हैं, यह बड़ा मुद्दा अब हल हो गया है। लंबे समय से चली आ रही इस मांग को पूरा करने के लिए मैं मणिपुर के लोगों की ओर से पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं।
– अमित शाह ने कहा कि दस्तावेजों के बिना भी राशन कार्ड सहित शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।
– अमित शाह ने कहा कि नागरिकता विधेयक में कोई भेदभाव नहीं है, यह अधिकार देता है छीनता नहीं है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है। किसी के साथ अन्याय का सवाल नहीं।
– लोकसभा में नागरिकता बिल पेश हुआ। बिल को पेश होने के लिए लोकसभा में जो वोटिंग हुई, उसमें 293 हां के पक्ष में और 82 विरोध में वोट पड़े हैं। लोकसभा में इस दौरान कुल 375 सांसदों ने वोट किया।
– नागरिक संशोधन विधेयक को कानून का उल्लंघन बताने वाले विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा- रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर इस देश में आर्टिकल 14 रहते हुए कई कानून बने हैं। देखिए, समानता के आधिकार के कानून दुनियाभर के कई देशों में है, लेकिन क्या आप वहां जाकर नागरिकता ले सकते हैं? वो ग्रीन कार्ड देते हैं, निवेश करने वालों, रिसर्च और डेवलपमेंट करने वालों को देते हैं। रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर ही वहां भी नागरिकता दी जाती है। फिर ऐसा भी नहीं कि पहली बार सरकार नागरिकता के लिए कुछ कर रही है। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश से आए लोगों को नागिरकता देने का निर्णय किया था। पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता फिर क्यों नहीं दी गई? आर्टिकल 14 की ही बात है, तो सिर्फ बांग्लादेश से आने वालों को क्यों नागरिकता दी गई?
– नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में एआइएमआइएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- सेक्युलरिज्म देश के आधारभूत ढांचे का हिस्सा है। यह बिल मौलिक अधिकारों का हनन करता है। वहीं, असम से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी कहा कि यह बिल उत्तर असम अकॉर्ड का उल्लंघन करता है। हालांकि, इसके जवाब में अमित शाह ने दावा किया कि यह बिल संविधान के किसी भी अनुच्छेद को प्रभावित नहीं करता है।
– संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश होने के बाद काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। लोकसभा में टीएम सांसद सौगत राय ने कहा कि गृह मंत्री नए हैं, उन्हें शायद नियमों की जानकारी नहीं है। इसके बाद लोकसभा में हंगामा हो गया। इससे पहले सौगत राय ने लोकसभा में कहा कि आज संविधान संकट में है। इसके बाद बीजेपी के सदस्यों ने उनके बयान का विरोध किया। बीजेपी के हंगामे के दौरान टीएमसी सांसद बोले- मारेंगे क्या, मारेंगे क्या मुझे?
– बिल पेश करते हुए अमित शाह ने कहा- नागरिकता संशोधन विधेयक किसी भी तरह से देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है, इसका मैं विश्वास दिलाता हूं। लोकसभा में अमित शाह ने जैसे ही आज नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया, वैसे ही विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे। इस पर गृह मंत्री ने खड़े होकर साफ कहा कि वह अभी बिल पेश कर रहे हैं और विपक्षी सांसदों के एक-एक सवालों का जवाब देंगे, तब आप वॉकआउट मत करिएगा। शाह ने यह भी कहा कि यह बिल 0.001 प्रतिशत भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।
– अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर दिया है।
– समाजवादी पार्टी संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करेगी। अखिलेश यादव ने यह जानकारी दी है।
– नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में संसद परिसर में AIDUF सांसद बदरुद्दीन अजमल प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दिल्ली में इस बिल के विरोध में जंतर-मंतर पर AIUDF का प्रदर्शन भी जारी है।
– नागरिकता संशोधन विधेयक पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा- हिदुओं के लिए और कोई देश नहीं है। मुसलमानों के लिए कई देश हैं। घुसपैठियों की भारत में कोई जगह नहीं। यह सरकार कई बार साफ कर चुकी है।
– कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि देश में बेरोजगारी दर 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। देश की मौजूदा आर्थिक सुस्ती को देखते हुए क्या सरकार ऐसा डेटाबेस बना सकती है, जिससे पता चले कि जिसने एजुकेशन लोन लिया है उसे रोजगार मिला या नहीं?
– भारतीय जनता पार्टी के सांसद विजय गोयल ने राज्यसभा में दिल्ली की अनाज मंडी में लगी भीषण आग का मुद्दा है। रविवार को लगी इस भीषण आग में 43 लोगों की जान चली गई है और कई लोग घायल हो गए हैं।