लखनऊ। लाॅकडाउन के चलते सामान्य मरीजों से लेकर गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का बुरा हाल है। इन दिनों कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों का इलाज मिल पाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद है। इमरजेंसी में भी कोरोना की दहशत में इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कुछ निजी अस्पताल लोगों की मजबूरी का जमकर फायदा उठाने में जुटे हुए हैं।
राजधानी लखनऊ के एक निजी अस्पताल से ऐसी ही एक घटना सामने आई है। चिनहट थाना क्षेत्र में फैजाबाद रोड के गुलजार कालोनी पर स्थित चिनहट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में इंसानियत को भी तार-तार कर दिया। गंभीर रूप से बीमारी अपने 14 वर्षीय बेटे को इलाज के लिए सीतापुर का एक परिवार बीते 18 अपै्रल को लखनऊ आया था। कोरोना के चलते मेडिकल काॅलेज में बच्चे को भर्ती कराने में परिवार नाकाम रहा। मौके का फायदा उठाते हुए वहां टहल रहे एक दलाल ने बेहतर इलाज का झांसा देकर पीड़ित परिवार को चिनहट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर ले आया।
सीतापुर के थाना रामपुर मथुरा निवासी अनिल सिंह ने बताया कि 10-12 दिन तक उनके बेटे शिवा सिंह (14) का इलाज यहां चला। इस दौरान अस्पताल प्रशासन ने इलाज के नाम पर परिजनों से करीब 2 लाख रुपए जमा कराए। 29 अपै्रल को बच्चे की मौत हो गयी। अब परिजनों को बच्चे का शव देने के लिए अस्पताल प्रशासन 3 लाख रुपए की डिमांड कर रहा है। बच्चे की मौत को 16-17 घण्टे हो चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने बच्चे का शव परिजनों को नहीं सौंपा। बच्चे की मौत से गमजदा परिजन 3 लाख रुपए जमा करने में असमर्थ हैं। शव न मिलने मां-भाई, बहन और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
धमकी, नेतागिरी करोगे तो लाश नहीं मिलेगी
चिनहट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर का कहना है कि 3 लाख रुपए जमा कराए जाएंगे तभी बच्चे का शव मिलेगा। परिजनों का आरोप है कि दलाल ने अस्पताल प्रशासन से मोटा कमीशन वसूला और गायब हो गया। बेहतर इलाज न मिलने से ही बच्चे की मौत हो गयी। अब 3 लाख रुपए और मांगे जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन से मदद मांगने पर अस्पताल प्रशासन ने धमकी दी कि नेतागीरी करोगे तो बच्चे की लाश भी नहीं मिलेगा।
पुलिस कमिश्नर के पीआरओ का फोन भी न आया काम
बच्चे के परिजनों ने मदद के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर से मदद मांगी है। कमिश्नर सुजीत पांडेय के पीआरओ ने चिनहट इंस्पेक्टर का नंबर देकर उनसे संपर्क करने को कहा है। साथ ही उन्होंने खुद भी फोन करने की बात कही है। लेकिन जब परिजनों ने चिनहट पुलिस से मदद मांगी तो वहां से उन्हें आपातकालीन सहायता नंबर 112 पर फोन करने की बात कही गयी।