करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में अरदास के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की तीव्र निकासी के लिए वहां पर 80 आप्रवासन काउंटर बनाए गए हैं। इस पवित्र गुरुद्वारा में बड़ी संख्या में सिख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिस देखते हुए पाक प्रशासन ने ये इंतजाम किए हैं।
भारत और पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते करतारपुर गलियारे को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत वहां जाने वाले श्रद्धालुओं को वीजा लेने की जरूरत नहीं होगी। समझौते के मुताबिक 5000 भारतीय श्रद्धालुओं को रोजाना गुरुद्वारा दरबार साहिब जाने की अनुमति मिलेगी, जहां सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष गुजारे थे। करतारपुर कॉरिडोर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा 9 नवंबर को विधिवत खोलने का कार्यक्रम है।
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने भारत से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन प्रवेश द्वार बनाए हैं। संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) दस दिन पहले भारतीय सीमा सुरक्षा बल को भारतीय तीर्थयात्रियों की निकासी की सूची भेजेगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं के वहां पहुंचने पर अधिकारियों के पास उनके पासपोर्ट की स्कैन कॉपी मिल जाएंगी। भारतीय और पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को गुरुद्वारे में प्रवेश से पहले बायोमीट्रिक स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। जिनका पासपोर्ट काली सूची में डाला गया होगा उन्हें जाने की इजाजत नहीं होगी।
तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए तैनात होंगे वरिष्ठ अधिकारी
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पाकिस्तान गैरभारतीय सिखों को भी करतारपुर के लिए देगा वीजा
करतारपुर पर भारत-पाक समझौते के मुताबिक भारत से आने वाले श्रद्धालुओं को एक दिन के लिए वीजा लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि इस दौरान वह केवल बाबा गुरुनानक गुरुद्वारे में ही जा सकते हैं। वहीं अन्य देशों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा जरूरी होगा और वह किसी भी गुरुद्वारे में जा सकते हैं।