हाल ही में पाकिस्तान ने भारत से सूत और कपास इंपोर्ट करने का फैसला लिया था, जिस पर गुरुवार को कैबिनेट बैठक में यू-टर्न ले लिया गया। बता दें कि पाकिस्तान सरकार की इकोनॉमिक को-ऑर्डिनेशन समिति ने 31 मार्च को जानकारी दी थी कि भारत से कुछ जरूरी चीजों का आयात किया जाएगा ताकि महंगाई को काबू किया जा सके।
हालांकि एक अप्रैल को कैबिनेट बैठक ने इस फैसले को खारिज कर दिया और विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में भारत के साथ व्यापार पर चर्चा हुई लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। बता दें कि इस फैसले पर पाकिस्तान के मंत्रियों के ही सुर बदले हुए हैं।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग रखी
पाकिस्तान के वित्त मंत्री हम्माद अजहर का कहना था कि सरकार ने लोगों के हितों में यह फैसला लिया है। लेकिन एक दिन बाद आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि इस फैसले को तब तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, जब तक भारत कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल ना कर दे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के पीछे कश्मीर एक बड़ा कारण हो सकता है, क्योंकि शेख राशिद अहमद ने अपने बयान में इसका उल्लेख किया है। बताते चले कि लंबे समय से दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब चल रहे हैं। पाकिस्तान ने भारत से कारोबारी और कूटनीतिक रिश्ते तब तोड़ दिए थे, जब भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करके उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था।
पाकिस्तान दिवस पर पीएम मोदी ने चिट्ठी लिखकर दी थी बधाई
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इमराम खान को ‘पाकिस्तान दिवस’ की बधाई दी थी और एक पत्र लिखकर कहा था कि भारत, पाकिस्तान के साथ सौहादपूर्ण रिश्ते चाहता है। इसलिए भरोसे, आतंक और बैर से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है। इस खत का जबाव देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान के लोग भी भारत समेत अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहते हैं।