नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल काउंसिल (आईसीएमआर) का हवाला देते हुए कहा कि कोरोना का प्लाज्मा थेरेपी के जरिए कोरोना का इलाज नहीं कहा जा सकता। अगर कोई इस थैरेपी के जरिए इलाज का दावा करता है तो यह गैर-कानूनी है। अभी इसका कोई साक्ष्य नहीं है कि प्लाज्मा थैरेपी के जरिए मरीजों को ठीक किया जा सकता है। आईसीएमआर ने इस पर अध्ययन शुरू किया है। तब तक इसको लेकर किसी प्रकार का दावा नहीं किया जाना चाहिए। गाइडलाइन का पालन नहीं किया जाएगा तो इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए अभी केवल ट्रायल और रिसर्च ही इस पर किया जा सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 29435 में हो गई है। अब तक 21631 सक्रिय केस है। 6865 ठीक हो चुके हैं। अब तक 17 जिलों में 28 दिनों से कोई नया मामला नहीं आया है। कोरोना वायरस के डबलिंग (दोगुना) होने की दर 10.2 दिन हुई है। उन्होंने कहा कि आइसएमआर (ICMR) प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है। हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि इसे उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आइसएमआर (ICMR) द्वारा राष्ट्रीय स्तर का अध्ययन शुरू किया गया है । जब तक आइसएमआर (ICMR) अपने अध्ययन का समापन नहीं करता है और एक मजबूत वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं होता है, तब तक प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अनुसंधान या परीक्षण के उद्देश्य के लिए किया जाना चाहिए। यदि उचित दिशा- निर्देश के तहत प्लाज्मा थेरेपी का सही तरीके से उपयोग नहीं किया जाता है तो यह जीवन के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है।
तेजी से सही हो रहे संक्रमित, रिकवरी रेट 23.3 हुई
अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना संक्रमितों की रिकवरी रेट अब 23.3% हो गई है। इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह देश के लिए अच्छी बात है। अभी तक देश में संक्रमण के कुल 29435 मामले आ चुके हैं, जिनमें 21632 एक्टिव केस हैं, जबकि शेष का इलाज चल रहा है। पिछले एक दिन में 684 लोगों को सही किया जा चुका है। संक्रमण फैलने की रफ्तार भी कम हुई है। 17 जिलों में पिछले 28 दिनों से कोई केस नहीं आया है।