नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए दूसरी जगह पांच एकड़ भूमि आवंटित की जाए। पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह विवादित स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट गठित करे। पीठ ने फैसले में कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाए। हालांकि, इसका कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। दैनिक जागरण इस लाइव रिपोर्ट के जरिए मामले से जुड़ा हर अपडेट आप तक पहुंचा रहा है।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, ‘देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या पर फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।’
फैसले के बाद संघ प्रमुख (RSS chief) मोहन भागवत ने कहा, यह केस दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया है। इसे जीत या हार के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी की कोशिशों का स्वागत करते हैं।
पीएम मोदी ने अयोध्या भूमि विवाद पर आए फैसले पर कहा कि न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया। किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना कितना अहम है इस फैसले ने बता दिया है। इसमें हर पक्ष को अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। अयोध्या पर यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमल फारुकी ने कहा कि हमें बदले में 100 एकड़ जमीन भी दे तो कोई फायदा नहीं है। हमारी 67 एकड़ जमीन पहले से ही एक्वायर की हुई है तो हमको दान में क्या दे रहे हैं वो। हमारी 67 एकड़ जमीन लेने के बाद पांच एकड़ जमीन दे रहे हैं। ये कहां का इंसाफ है।