बेंगलुरु। पीएम मोदी आज बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2023 के 14वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे। पांच दिवसीय एयरो इंडिया 2023 का उद्घाटन सोमवार को होग। यहां कई मेड-इन-इंडिया रक्षा उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले राज्यपाल थावरचंद गहलोत और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एचएएल हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री की अगवानी की थी।
ये कंपनियां ले रहीं हिस्सा
प्रमुख प्रदर्शकों में एयरबस, बोइंग, डसॉल्ट एविएशन, लॉकहीड मार्टिन, इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, आर्मी एविएशन, एचसी रोबोटिक्स, SAAB, सफरान, रोल्स रॉयस, लार्सन एंड टुब्रो, भारत फोर्ज लिमिटेड, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और बीईएमएल लिमिटेड शामिल हैं।
मुख्य
1- एक भारतीय स्टार्ट-अप द्वारा विकसित किए जा रहे जेट पैक पहने एक सैनिक का एक मॉडल इंडिया पवेलियन में प्रदर्शित किया गया है जिसका उद्घाटन कल बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो में किया जाएगा। भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं पर तैनात सैनिकों के लिए 48 जेटपैक खरीदने का टेंडर जारी किया है।
2- पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, LCA Mark2 और नेवल ट्विन इंजन डेक-आधारित फाइटर जेट सहित भारत के भविष्य के स्वदेशी विमानों के मॉडल प्रदर्शित किए जाएंगे। सभी विमान विकास के विभिन्न चरणों में हैं।
3- ब्रह्मोस एयरोस्पेस ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के साथ-साथ ब्रह्मोस एनजी मिसाइल के एयर-लॉन्च संस्करण के मॉडल का प्रदर्शन किया है।
4- एयरो इंडिया में इंडिया पवेलियन के बाहर भारतीय सेना के रंग में बने मेड-इन-इंडिया लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे। इस साल होने वाले एयरो शो में सेना के वरिष्ठ अधिकारी हेलीकॉप्टर से उड़ान भरेंगे। एलसीएच को पिछले साल रक्षा बलों में शामिल किया गया था।
5- एचएएल एयरो इंडिया में एचएलएफटी-42 फुल-स्केल मॉडल नाम के सुपरसोनिक ट्रेनर विमान का प्रदर्शन कर रहा है। भगवान हनुमान के पूंछ पर मॉडल विमान को विकसित करने और आधुनिक लड़ाकू ट्रेनर विमान के रूप में पेश करने की योजना है।
32 देशों के रक्षा मंत्री होंगे शामिल
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बार एयरो इंडिया-2023 का फोकस ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन के अनुरूप स्वदेशी उपकरणों/प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित करने और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी बनाने पर होगा। इस बार 98 देशों, 32 देशों के रक्षा मंत्रियों, 29 देशों के वायु सेना प्रमुखों और वैश्विक और भारतीय मूल उपकरण निर्माताओं के 73 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की भागीदारी देखने की संभावना है।