तिरूवनंतपुरम । बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा से जुड़े मामलों के जल्द निपटारे के लिए केरल सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। POCSO एक्ट के तहत मामलों के जल्द निपटारे के लिए समिति बनाई जाएगी। बच्चों के खिलाफ राज्य में बढ़ रही यौन हिंसा की घटनाओं को देखते हुए केरल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने मंगलवार को बच्चों के यौन अपराधों से रोकथाम(POCSO) एक्ट के तहत मामलों के जल्द निपटारे के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का फैसला किया।
केरल में दो बहनों की रहस्यमय मौत पर बच्चों के यौन अपराधों से रोकथाम (POCSO) मामले में चार आरोपियों को हाल ही में बरी कर दिया गया। इस मामले के सामने आने के बाद राज्य सरकार जागी है और यह फैसला लिया है।मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा बनाई जाने वाली समिति, मामलों के कुशल संचालन और उनके निपटान को जल्द से जल्द सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि काउंसलरों को कानून के बारे में प्रशिक्षित और संवेदनशील बनाया जाएगा। अपने वार्ड के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा से बचने के लिए माता-पिता के बीच जागरूकता पैदा की जानी चाहिए और शिक्षकों को इस संबंध में उनसे बात करनी चाहिए। शिक्षा विभाग इसका प्रभारी होगा।
साथ ही, हर पुलिस स्टेशन में बाल कल्याण अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के स्कूलों के साथ नियमित संपर्क में रहना चाहिए। राज्य में अधिक POCSO अदालतें स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे और आवश्यक धन उपलब्ध कराया जाएगा।
सीएम ने आगे कहा कि उचित यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, जबकि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देना चाहिए कि स्कूलों के पास नशीले पदार्थों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
बैठक में बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों को समाप्त करने के लिए साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को मजबूत करने का भी निर्णय लिया गया। इस बीच विजयन ने सामाजिक न्याय विभाग और पुलिस को उन महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा जो अपने दम पर रहती हैं।