लखनऊ:- नागरिकता संशोधन कानून एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ लखनऊ के एतिहासिक घण्टा घर के मैदान मे महिलाओ द्वारा किए जा रहे शान्तीपूर्ण विरोध प्रदर्शन के आज दो महीने पूरे हो गए। इन दो महीनो मे यहंा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ ने खराब से खराब मौसम को हंसते े हंसतें सहन किया और मज़बूत इरादो के साथ लगातार 60वें दिन भी महिलाओ का विरोध प्रदर्शन उसी तरह से जारी है जिस तरह से पहले जारी था। कानून की नज़रिए से अवैधानिक तरीके से किए जा रहे इस विरोध प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए शासन प्रशासन ने एड़ी चोटी का ज़ोर लगा दिया लेकिन पुलिस यहा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ को यहां से हटा पाने मे अभी तक विफल ही साबित हुई है लेकिन चीन के हुवांग शहर से शुरू हआ जान लेवा नोवेल कोरोना वायरस अब यहा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ के आड़े आ रहा है। चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब दुनिया भर के सौ से ज़्यादा देशो मे कहर बन कर लोगो को डरा रहा है । इस जान लेवा वायरस से पूरी दुनियां मे पाॅच हज़ार से ज़्यादा लोगो की मौत हो चुकी है एक लाख से भी ज़्यादा लोग इस वायरस से सक्रंमित है । चीन से शुरू होकर पूरी दुनियंा को अपनी चपेट मे लेने वाला कोरोना वायरस हमारे देश भारत मे भी दाखिल हो चुका है और भारत मे सौ से ज़्यादा लोग पाज़िटिव पाए गए है दो लोगो की मौत भी हो चुकी है। कोरोना वायरस प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे भी दाख्लि हो चुका है जिसके बाद प्रदेश सरकार ने प्रदेश भर के स्कूलो और ऐसे स्थानो को जहंा भीड़ एकत्र होती है उन्हे पूरी तरह से बन्द करने का आदेश दिया है। सीएए के खिलाफ घण्टा घर के मैदान मे भारी संख्या मे विरोध प्रदर्शन कर रही
महिलाओ को एडवाईज़री जारी करते हुए उनसे घंण्टा घर को खाली करके अपने अपने घरो को जाने के लिए कहा गया है लेकिन यंहा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ का कहना है कि कोरोना वायरस से घातक वायरस वो सीएए एनआरसी और एनपीआर को मानती है । सीएए कानून को वापस लिए जाने की मांग को लेकर लगातार 60 दिनो से विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ ने यहां बनाए गए अस्थई मंच से एलान किया कि हम कोरोना वायरस के डर से या कोरोना के बहाने विरोध प्रदर्शन को प्रशासन द्वारा समाप्त कराए जाने की साज़िश को कामयाब नही होने देंगी । विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ का कहना था कि ये माना कि यहंा महिलाओ की भीड़ ज़्यादा है अगर प्रशासन हमारी चिन्ता करता है तो प्रशासन को चाहिए की वो हमारे बैठने के लिए कुर्सियो का प्रबन्ध कर दे ताकि हम महिलाए एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखते हुए अपना विरोध प्रदर्शन शान्तीपूर्ण तरीके से जारी रख सके। विरोध प्रदर्शन कर रही महिला ने बताया कि रविवार को एसीपी चैक की तरफ से उन्हे एक नोटिस भेज कर कहा गया है कि कोरोना वायरस संक्रमित मरीज़ो का केजीएमयू मे इलाज चल रहा है केजीएमयू घण्टा घर के करीब ही है जिसकी वजह से सक्रंमित व्यक्तियो के घण्टा घर पहुॅचने से इन्कार नही किया जा सकता है यदि कोई संक्रमित व्यक्ति घण्टा घर पहुॅच गया तो वायरस का संक्रमण यहा भी फैल सकता है इस लिए यहां बिना अनुमति से चल रहे महिलाओ के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कर महिलाओ से अपने अपने घर जाने की बात नोटिस मे कही गई है। नोटिस तामील होने के बाद यदि महिलाओ ने विरोध प्रदर्शन समाप्त नही किया तो वैधानिक कार्यवाही की बात भी पुलिस द्वारा नोटिस मे कही गई है। हालाकि पुलिस द्वारा भेजे गए नोटिस मे दर्शाए गए कोरोना वायरस के खतरे को महिलाए समझ रही लेकिन महिलाए कोरोना वायरस से ज़्यादा घातक सीएए एनआरसी और एनपीआर के वायरस को मान रही है ।
*19 दिसम्बर से अब तक विरोध प्रदर्शन के सम्बन्ध मे ठाकुरगंज मे दर्ज हुए 15 मुकदमे*
नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊमे 19 दिसम्बर से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद लखनऊ के एक थाने ठाकुरगंज मे अब तक 15 मुकदमे दर्ज किए जा चुके है। 19 दिसम्बर 2029 से 15 मार्च 2020 तक ठाकुरगंज थाने मे दर्ज किए गए कुल 14 मुकदमो मे 147 लोगो को नामज़द किया गया था और अनगिनत अज्ञात लोगो को लोगो को मुकदमो मे जोड़ा गया । मुकदमो की जाॅच मे 184 अभियुक्त प्रकाश मे आए इस तरह से इन 14 मुकदमो मे प्रकाश मे आए अभियुक्तो की कुल संख्या 341 हो गई । इन 14 मुकदमो मे आरोपी बनाए गए कुल 131 लोगो को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है मुकदमे की जाॅच मे प्रकाश मे अभियुक्तो मे से 30 लोगो को पुलिस नोटिस भी भेजस चुका है इन 14 मुकमो मे प्रकाश मे आए कुलल 180 मुलज़िमो की गिरफ्तारी अभी बाकी है जिन्हे गिरफ्तार करने का पुलिस का प्रयास लगातार जारी है। इन 14 मुकदमो मे वे मुकदमा भी शामिल है जो 19 दिसम्बर की हिसंा मे मारे गए वकील नामक युवक की हत्या के सम्बन्ध मे दर्ज कराया गया था। इन 14 मुकदमो के अलावा ठाकुरगंज थाने मे सोमवार को 22 लोगो को नामज़द कराते हुए तमाम अज्ञात लोगो के खिलाफ
145/147/149/188/283/353/427/505/7सीएलए व 66 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार को दर्ज किए गए मुकदमे ें नितिन राज, खामीन खान, पूजा शुक्ला, रूकसाना ज़िया, सबी फात्मा, नसरीन खान, ज़ियाउददीन, ज़ीनत कौशल, रेहाना, रानी, रउफ, सुमैया राना, उज़मा परवीन, सैफुददीन उर्फ सैफुल हसन, मो0 वसी , सुनील बेग, फैयाज़ अहमद, आसफिया खातून उर्फ सलमा, रेशमा, एबाद अहमद , अब्दुल हफीज़ को नामजद करते हुए करीब 150 अज्ञात लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
*इन्स्पेक्टर ठाकुरगंज का चार्ज का आधे से ज़्यादा समय बीता घण्टा घर की कार्यवाही मे*
घंण्टा घर पर सीएए एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ महिलाओ द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के स्थान पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने की अहम ज़िम्मेदारी वाले इन्स्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा का इस थाने मे तैनाती का आधे से ज़्यादा समय तो विरोध प्रदर्शन की कार्यवाही मे ही बीत गया। 24 नवम्बर को ठाकुरगंज थाने का चार्ज पाने के बाद प्रमोद कुमार मिश्रा क्षेत्र को समझ ही रहे थे कि दिसम्बर महीना उनके लिए बड़ी चुनौती बन कर सामने आया । 19 दिसम्बर को वैसे तो शहर के कई थाना क्षेत्रो मे हिसंक प्रदर्शन हुए लेकिन ठाकुरगंज क्षेत्र मे हुए हिंसक प्रदर्शन मे एक व्यक्ति की गोली लगने से जान चली गई थी। 19 दिसम्बर को हुए हिंसक प्रदर्शन की कार्यवाही पूरी होती और हालात मामूल पर आते आते ठाकुरगंज क्षेत्र मे फिर से 17 जनवरी पुलिस के लिए चुनौती बन कर सामने आई । 17 जनवरी को महिलाओ द्वारा घण्टा घर के मैदान मे शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हुए और 17 जनवरी से अब तक ठाकुरगंज थाने मे विरोध प्रदर्शन के सम्बन्ध मे दर्ज किए गए मुकदमो की संख्या भी आठ हो गई । इन्स्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा लगातार ये प्रयास करते रहे कि बिना अनुमति के महिलाओ द्वारा यहंा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन को किसी तरह से समाप्त कराया जाए लेकिन इन्स्पेक्टर ये कोशिशे लगातार 60 दिनो तक करते रहे और उनकी ये कोशिश आज तक कामयाब नही हुई इन दो महीनो मे यहा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाओ ने पुलिस पर खास कर इन्स्पेक्टर ठाकुरगंज प्रमोद कुमार मिश्रा पर महिलाओ को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए । महिलाए अपनी जगह डटी रही और इन्स्पेक्टर अपनी जगह पर डटे रहे इन 60 दिनो मे कई बार ऐसा समय आया जब महिलाओ का आक्रोष इन्स्पेक्टर को झेलना पड़ा और कभी महिलाओ पर पुलिस का गुस्सा भारी पड़ा । इन्स्पेक्टर प्रमोद कुमार मिश्रा का कहना है कि वो चाहते है कि यहंा विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाए सुरक्षित रहे क्यूकि अब मौजूदा समय मे पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस का खतरा उत्पन्न हो गया कोरोना वायरस के खतरे से महिलाओ को बचाने के लिए वो चाहते है कि महिलाए खुद यहंा से अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दे।