लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ी राहत मिल गई है। एसटीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और धमकी देने के मामले में नया मोड़ आ गया है। धनंजय सिंह और उनके सहयोगी पर केस दर्ज कराने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर कोर्ट में शपथ पत्र देकर आरोप से मुकर गए। उसका कहना है कि केस दर्ज कराते समय वह तनाव में था। उसने मुकदमा आगे न चलाने की भी अपील की है। कोर्ट ने पूरे मामले की पत्रावली तलब की है।
अभिनव सिंघल के पास लगभग 300 करोड़ की लागत से जिले में सीवर लाइन बिछाने का टेंडर है। सिंघल ने रंगदारी मांगने की तहरीर पर लाइन बाजार थाने में 10 मई की देर रात पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम सिंह पर अपहरण, धमकी देने का केस दर्ज कराया था। कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने शहर स्थित आवास से पूर्व सांसद समेत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
अगले दिन कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था। जिला जज की कोर्ट में पूर्व सांसद की जमानत अर्जी पर 20 मई को सुनवाई होनी है। इस बीच केस दर्ज कराने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपने अधिवक्ता क्रांति प्रकाश सिंह के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि उनका धनंजय सिंह से कोई विवाद नहीं है। उनकी ओर से कोई न दबाव दिया गया था और न ही रुपये की मांग की गई। घटना के वक्त मानसिक तनाव और तमाम तरह के दबावों के कारण उसने केस दर्ज कराया था। वह नहीं चाहते कि मुकदमा आगे चले।