नई दिल्ली। सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) के नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। 12 दिसंबर 2019 से PPF योजना को अधिसूचित किया गया है। हम इस खबर में पीपीएफ योजना से जुड़े कुछ बदलाव के बारे में बता रहे हैं।
(1) कर्ज पर ब्याज घटा: अगर आपने अपने पीपीएफ खाते के बदले कर्ज लिया है, तो पीपीएफ योजना 1968 के तहत पहले पीपीएफ ब्याज दर 2% प्रति वर्ष की दर से निर्धारित था। मसलन यदि पीपीएफ ब्याज दर 8% था, तो आपको 10% की ब्याज दर का भुगतान करना होता था। अब PPF योजना 2019 से इस दर को 1% तक घटा दिया गया है। इसलिए अगर पीपीएफ ब्याज दर 8% है, तो अब आपको लोन लेने पर 9% की दर से भुगतान करना होगा।
2016 में सरकार ने पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति दी थी। पीपीएफ योजना 2019 में जिस खाते को खोला गया है, उस वर्ष के अंत के बाद 5 वित्तीय वर्षों के पूरा होने के बाद समय से पहले इसे बंद करने की अनुमति है। हालांकि, इसके लिए पीपीएफ योजना 2019 के तहत एक विशेष फॉर्म, फॉर्म 5 बनाया गया है।
इससे पहले सरकार ने खाताधारक, पति या पत्नी, आश्रित बच्चों या माता-पिता को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारियों या जीवन के लिए खतरा होने पर पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति दी थी। यह जस का तस है, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
(3) जमा: पीपीएफ योजना 1968 में जमाओं को 5 के गुणकों में रखने की अनुमति दी गई। 1 वर्ष की अवधि में अधिकतम 12 जमा की अनुमति दी गई। पीपीएफ योजना 2019 में 50 रुपये के गुणकों में जमा की अनुमति है। बता दें कि जमा की संख्या पर अलग से कोई ऊपरी सीमा नहीं बताई गई है। आप अधिकतम सीमा के अधीन पीपीएफ खाते में जितनी बार चाहें जमा कर सकते हैं। एक वर्ष में न्यूनतम वार्षिक योगदान की सीमा 500 रुपये रखी गई है जबकि अधिकतम वार्षिक योगदान 1.5 लाख पर बरकरार रखा गया है।
(4) अनिवासी भारतीय (NRI): पीपीएफ योजना 1968 के मुताबिक, NRI पीपीएफ खाता नहीं खोल सकते हैं। हालांकि, एक NRI जो बाद में मैच्योरिटी अवधि के दौरान एनआरआई बन जाता है, अपनी मैच्योरिटी तक पीपीएफ की सदस्यता जारी रख सकता है।
(5) फॉर्म में बदलाव
- खाता खोलने का फॉर्म: फॉर्म ए से फॉर्म 1 तक
- योगदान फॉर्म: पहले वाला फॉर्म बी ही है।
- आंशिक निकासी: फॉर्म सी से फॉर्म 2
- मैच्योरिटी के बाद खाता बंद होना: फॉर्म C से फॉर्म 3
- पीपीएफ कर्ज: फॉर्म डी से फॉर्म 2 तक
- एक्सटेंशन फॉर्म: फॉर्म एच से फॉर्म 4 तक
- समय से पहले समापन: एन/ए से फॉर्म 5 तक
- नामांकन: फॉर्म ई से फॉर्म 1