नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि देश में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 102 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं (National Infrastructure Projects) से 2025 तक भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के निवेशकों को देश में निवेश के लिए आकर्षित करने के वास्ते 2020 की दूसरी छमाही से सालाना वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
सीतारमण ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को चिह्नित करने के लिए गठित कार्यबल ने 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सिफारिश की है। इसका लक्ष्य इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्री ने कहा कि चिह्नित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मॉनीटर करने के लिए National Infrastructure Pipeline Coordination mechanism की शुरुआत की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रा दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की बात की थी। उन्होंने कहा कि इसके लक्ष्य को लेकर गठित कार्यबल ने चार माह में 70 संबंद्ध पक्षों से विचार विमर्श के बाद 102 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को चिह्नित किया है। मंत्री ने कहा कि और तीन लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पाइपलाइन में शामिल किये जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने पिछले छह साल में इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर 51 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि नई पाइपलाइन में 39-39 फीसद परियोजनाएं केंद्र एवं राज्य सरकारों की हैं। शेष 22 फीसद परियोजनाएं निजी क्षेत्र से जुड़ी हैं। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कार्यबल ने ऊर्जा, रेलवे, शहरी सिंचाई, मोबिलिटी, एजुकेशन और हेल्थ क्षेत्र की परियोजनाओं को चिह्नित किया है।
वित्त मंत्री एक फरवरी को अपना दूसरा बजट पेश कर सकती हैं। इससे पहले Modi Government 2.0 के गठन के बाद उन्होंने पांच जुलाई को अपना पहला बजट पेश किया था। देशभर में आर्थिक सुस्ती के माहौल को देखते हुए इस बात की उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बजट में खपत बढ़ाने के लिए कदम उठा सकती है। इसके लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।