सोनू सूद ने अब तक कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाया है। सोनू ने मजदूरों के लिए कई बसों का इंतजाम किया है जिसके जरिए वह मजदूरों को उनके घर भेजते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोनू के इस काम में उनकी टीम के अलावा उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी उनकी मदद करते हैं।
सोनू ने खुद इसके बारे में बताया है। सोनू ने कहा कि जब किसी जरूरतमंद या मजदूर की कॉल आती है तो सोनाली(सोनू की पत्नी) उसे नोट कर लेती हैं। इसके बाद उनके दोनों बेटे ईशान और अयान लिस्ट बनाते हैं कि कौन किस बज में कहां जाएगा।
हालांकि सोनू की पत्नी और बच्चे लाइमलाइट में आना पसंद नहीं करते हैं।
बता दें कि हाल ही में सोनू से पूछा गया कि मजदूरों को घर भेजने में एक बस का कितना खर्च आता है तो सोनू ने कहा कि इसमें 1.8 लाख से लेकर 2 लाख तक का खर्च आता है। उन्होंने बताया कि यह सब इस पर निर्भर करता है कि प्रवासी को कहां जाना है।
मैं भी कभी प्रवासी बनकर आंखों में सपने लिए मुंबई आया था: सोनू
सोनू ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, ‘मैं प्रवासी मजदूरों की मदद इसलिए कर रहा हूं कि क्योंकि मैं भी कभी प्रवासी था, जो अपनी आंखों ढेर सारे सपने लेकर मुंबई आया था। मुझे तस्वीरों से पता चला कि वे कितनी परेशानी से गुजर रहे हैं। वे बिना खाना और पानी के हजारों किलोमीटर सड़कों पर पैदल चले जा रहा है तो मुझे अपने शुरुआती दिनों की याद आ गई। मैं पहली बार मुंबई बिना आरक्षित टिकट के ट्रेन से आया था। मैं ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर और वॉशरूम बगल में सोकर मुंबई पहुंचा था। मुझे पता है कि संघर्ष क्या चीज होती है।’
सोनू सूद और उनकी टीम ने बसों के माध्यम से हजारों मजदूरों को मुंबई से कर्नाटक राजस्थान, झारखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और बिहार तक भेजा है और यह काम अभी भी जारी है।