लखनऊ। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के फैसले पर उंगली उठाने पर कांग्रेस से वर्षों तक कांग्रेस को हर स्तर पर उठाने में लगे वरिष्ठ नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पार्टी ने इनके योगदान को भी नहीं देखा और एक झटके में किनारे लगा दिया।
उत्तर प्रदेश में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के फैसलों पर असंतोष जताने वाले दस वरिष्ठ कांग्रेसियों को पार्टी से बाहर कर दिया गया है। इनमें पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक तथा विधान परिषद सदस्य भी हैं। इनके साथ ही अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ पदाधिकारी भी हैं।
कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए जिनको निकाला गया है उनमें पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व एमएलसी सिराज मेंहदी, पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, पूर्व विधायक विनोद चौधरी, पूर्व विधायक नेक चंद पाण्डेय, यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजेंद्र सिंह सोलंकी तथा गोरखपुर जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजीव सिंह हैं।
इस मामले में कांग्रेस अनुशासन समिति की इस कार्रवाई को बेहद कड़ा माना जा रहा है। इन सभी वरिष्ठ नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर किया गया है। इसको कांग्रेस अनुशासन समिति की बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। पार्टी विरोध और अनुशासनहीनता पर कांग्रेस ने इन सभी को नोटिस देकर जवाब मांगा था। इन सभी से 24 घंटे में जवाब मांगा था। इन सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों के जवाब से संतुष्ट न होने पर इनको छह वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया।