उत्तराखंड के रुद्रपुर में तेरह बीघा जमीन और मकान हड़पने की नीयत से दामाद ने किराएदार साथी की मदद से सास-ससुर और दो सालियों की बेरहमी से हत्या कर दी। शवों को घर में ही गड्ढा खोदकर दफनाने के बाद नया फर्श डाल दिया। करीब 16 महीने बाद पुलिस ने घर के भीतर फर्श की खुदाई कर आरोपी दामाद नरेंद्र गंगवार के ससुर हीरालाल, सास हेमवती, उनकी बेटी दुर्गा और पार्वती के शव बरामद कर लिए हैं।
आईजी अजय रौतेला ने शुक्रवार को पुलिस कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि मूल रूप से पैगानगरी तहसील मीरगंज थाना (बरेली) निवासी 65 वर्षीय हीरालाल वर्ष 2006 में परिवार के साथ राजा कॉलोनी ट्रांजिट कैंप में बस गए थे। उनके पास गांव में 18 बीघा जमीन और मकान था। गांव छोड़ने से पहले उन्होंने पांच बीघा जमीन बेच दी थी और इससे मिले रुपये से यहां मकान बनाया था।
उनके साथ पत्नी हेमवती, बेटी लीलावती, दुर्गा और पार्वती रहते थे। हीरालाल ने गांव की 13 बीघा जमीन को बटाई पर वहीं के रहने वाले कुंवर सेन को दिया था। वर्ष 2008 में लीलावती की शादी नरेंद्र गंगवार निवासी ग्राम खेड़ा सराय थाना शीशगढ़ (बरेली) से हुई थी। ससुर की संपत्ति हड़पने के लिए नरेंद्र ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया।
आईजी ने बताया कि मृतक की बेटी और आरोपी की पत्नी लीलावती ने पूरे प्रकरण की जानकारी होने से इनकार किया है लेकिन साढ़े 16 महीने तक उसके माता, पिता और दो बहनें गायब रहीं, इसकी जानकारी उसे न होना संदेह पैदा करता है। पूरे मामले में लीलावती की संलिप्तता होने की बात सामने आ रही है। पुलिस उससे भी पूछताछ कर रही है।
ससुर सहित चार ससुरालियों की हत्या कर शवों को ठिकाने लगाने के कुछ महीने बाद नरेंद्र ने मकान में दो हजार रुपये महीने पर एक किराएदार रखा। कुछ समय पूर्व ही किराएदार ने कमरा खाली किया। एसओ ललित जोशी ने बताया कि कमरा खाली कर जा चुके किराएदार की तलाश की जा रही है। उससे भी इस संबंध में पूछताछ की जाएगी।
चार हत्याएं करने का आरोपी नरेंद्र और उसका किरायदार विजय सिडकुल की कंपनियों में काम करते हैं। आईजी ने बताया कि नरेंद्र सिडकुल की एक कंपनी में क्वालिटी डिपार्टमेंट में है। वहीं उसका साथी विजय भी सिडकुल की एक अन्य कंपनी में काम करता है।