चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि तीन मई के बाद दो हफ्ते और बढ़ाने की घोषणा की। हालांकि निषिद्ध क्षेत्र व रेड जोन को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसमें कुछ छूट देने का भी ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने पंजाब की जनता को संबोधित करते हुये कहा कि निषिद्ध क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये संपूर्ण एवं सख्त लॉकडाउन जारी रहेगा। राज्य में जारी लॉकडाउन को खत्म करने की रणनीति पर गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और समाज के विभिन्न वर्गों की ओर से प्राप्त सूचना के आधार पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन को कुछ और समय तक जारी रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब लॉकडाउन 17 मई तक जारी रहेगा।? सिंह ने कहा कि इस दौरान गुरूवार से हर रोज सुबह सात बजे से 11 बजे तक कुछ सीमित छूट दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशिष्ट क्षेत्रों में कुछ दुकानों को हर सुबह चार घंटे तक खोलने की अनुमति दी जायेगी जिनमें केवल 50 फीसदी कर्मचारी ही उपस्थित होंगे। उन्होंने बताया कि जिलों के उपायुक्तों को दुकानें खोले जाने को लेकर उपाय करने का निर्देश दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो हफ्ते बाद स्थिति की समीक्षा की जायेगी और उसके बाद अगर महामारी नियंत्रित रहती है तो कुछ और छूट की घोषणा की जायेगी। अमरिंदर सिंह ने कहा कि लॉकडाउन को लागू कराने के लिये जारी कर्फ्यू सामान्य तौर पर 11 बजे के बाद जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वह सामाजिक मेलजोल से दूरी का पालन करने के लिये समय पर घरों को लौट आयें। पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दृष्टिगत प्रदेश में 23 मार्च को कर्फ्यू लगाने की घोषणा की थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘छूट की अवधि के दौरान जो भी लोग घर से निकलेंगे उन्हें मास्क लगाना आवश्यक होगा और एक दूसरे से दो मीटर की दूरी के नियम का पालन करना होगा। यह छूट लोगों की सुविधा के लिये दी गयी है ओर इसका प्रयोग मेलजोल के लिय नहीं किया जाना चाहिये . मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दो हफ्ते के बाद जब स्थिति सुधरेगी, तो हम और भी कदम उठायेंगे।’ यह समिति छूट गुरूवार से चार घंटे के लिये दी गयी है इसमें सभी पंजीकृत दुकानों को खोले जाने की अनुमति भी है। इस दैरान मॉलों को खेलने की अनुमति नहीं होगी। सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11 बजे के बीच खोले जाने वाली इन दुकानों में 50 फीसद कर्मचारी ही होंगे लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में बड़ी संख्या में प्रदेश के लोगों के फंसे होने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें वापस लाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन घर वापसी के बाद 21 दिन तक पृथक-वास में रहना होगा।